Inflation: पांच में से चार बुजुर्ग बढ़ती महंगाई से बुरी तरह पीड़ित, कोविड-19 के बाद और बिगड़े हालात, लेटेस्ट स्टडी में आया सामने
Inflation: स्टडी में शामिल 81 प्रतिशत से ज्यादा बुजुर्गों ने कहा कि बढ़ती महंगाई के चलते होने वाली मुश्किलें बढ़ रही हैं. स्टडी में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के 10,000 से ज्यादा बुजुर्गों को शामिल किया गया था.
Inflation: देशभर में कोविड-19 महामारी (covid-19) के असर के बाद बढ़ती महंगाई (Inflation) से बुजुर्ग आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है. एक गैर-लाभकारी संगठन ‘एजवेल’ की एक स्टडी में यह दावा किया गया. स्टडी के मुताबिक, भारत में पांच में से चार बुजुर्ग बढ़ती महंगाई से पीड़ित हैं. स्टडी में शामिल 81 प्रतिशत से ज्यादा बुजुर्गों ने कहा कि बढ़ती महंगाई (rising inflation in india) के चलते होने वाली मुश्किलें बढ़ रही हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह स्टडी ‘भारत में बुजुर्गों (Elderly population) पर बढ़ती महंगाई का असर’ (उनके मानवाधिकारों पर पड़े असर पर विशेष प्रभाव) शीर्षक से जुलाई, 2022 के महीने में किया गया था.
10,000 से ज्यादा बुजुर्गों ने दी राय
खबर के मुताबिक, स्टडी में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के 10,000 से ज्यादा बुजुर्गों को शामिल किया गया था. इस स्टडी का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति, मनोवैज्ञानिक मुद्दों और मानवाधिकारों पर बढ़ती महंगाई के असर को लेकर सामाजिक-आर्थिक स्थितिजन्य अध्ययन करना था. स्टडी के निष्कर्ष के मुताबिक, 81.4 प्रतिशत बुजुर्ग यानी दस हज़ार बुजुर्गों में से कुल 8,142 लोगों ने दावा किया कि वे बढ़ती महंगाई के चलते प्रभावित हुए हैं.
बुजुर्गों ने बताई वजह
अध्ययन के अनुसार, निम्न मध्यम आय वर्ग के 94 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि वे महंगाई (rising inflation in india) से प्रभावित हुए. महंगाई से प्रभावित मध्यम आय, उच्च मध्यम, उच्च आय वर्ग के बुजुर्ग उत्तरदाताओं का प्रतिशत क्रमशः 86.1 प्रतिशत, 71.9 प्रतिशत और 26 प्रतिशत था. स्टडी (अध्ययन) के मुताबिक, 26.8 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि बढ़ती महंगाई का सबसे बड़ा कारक वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ी हुई कीमतें थीं. 16.5 प्रतिशत बुजुर्गो के मुताबिक, कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन, ब्याज दर में कमी, नौकरी जाना या व्यवसाय में नुकसान जैसे विभिन्न कारकों के कारण आय सीमित या कम होना उनके मुश्किलों का मुख्य कारण है. हाल के दिनों में खुदरा और थोक महंगाई में काफी तेजी देखने को मिली है.
महंगाई दर
खुदरा महंगाई दर (rising inflation in india) जून के महीने में मामूली रूप से गिरकर 7.01 फीसदी पर आ गई, जो मुख्य रूप से खाने-पीने की कीमतों में गिरावट के चलते आई है. हालांकि अभी भी यह RBI द्वारा तय किए सीमा से ऊपर बनी हुई है. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित मुद्रास्फीति मई, 2022 में 7.04 फीसदी थी.वहीं एक साल पहले की समान अवधि में (Inflation) 6.26 फीसदी थी.