IndiGo के को-फाउंडर राकेश गंगवाल ने IIT कानपुर को दिया 100 करोड़ रुपये का गिफ्ट, स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज के लिए बढ़ाया मदद का हाथ
Rakesh Gangwal gifts Rs 100 crore to IIT Kanpur: राकेश गंगवाल ने आईआईटी कानपुर कैंपस में चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्कूल स्थापित करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने इसके लिए 100 करोड़ रुपये का दान भी दिया.
Rakesh Gangwal gifts Rs 100 crore to IIT Kanpur: बजट एयरलाइन इंडिगो के को-फाउंडरऔर आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र राकेश गंगवाल सुर्खियों में हैं. उन्होंने अपने अल्मा मेटर में स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी का सपोर्ट करने के लिए 100 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत दान दिया है. आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की.
करंदीकर ने ट्वीट किया, "यहां आईआईटी कानपुर से बड़ी खबर है. हमारे पूर्व छात्र और इंडिगो एयरलाइंस के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल ने 100 करोड़ रुपये के योगदान के साथ सबसे बड़ा व्यक्तिगत दान दिया है, जो स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी आईआईटी कानपुर को समर्थन देने पर केंद्रित है.
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समझौते पर भी किए हस्ताक्षर
गंगवाल ने आईआईटी कानपुर कैंपस में चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्कूल स्थापित करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने इसके लिए 100 करोड़ रुपये का दान भी दिया. इंडिगो के सह-संस्थापक भी जल्द ही संस्थान के सलाहकार बोर्ड में शामिल होंगे.
गंगवाल ने संवाददाताओं से कहा, "अपनी मातृ संस्था के साथ इस तरह के नेक प्रयास से जुड़ना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मुझे यह देखकर गर्व हो रहा है कि विभिन्न क्षेत्रों में हजारों नेता पैदा करने वाली संस्था अब स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मार्ग प्रशस्त कर रही है. अधिक पहले से कहीं ज्यादा, स्वास्थ्य सेवा तकनीकी विकास के साथ जुड़ी हुई है और यह स्कूल स्वास्थ्य सेवा में नवाचार को गति दे रहा है."
दो फेज में बनकर होगा तैयार
यह स्कूल दो चरणों में बनकर तैयार होगा. पहले चरण में लगभग 8,10,000 वर्ग फुट के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ 500-बेड का सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल, शैक्षणिक ब्लॉक, आवासीय/ हॉस्टल और सर्विस ब्लॉक की स्थापना शामिल होगी. इसमें फ्यूचरिस्टिक मेडिसिन में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना भी शामिल होगी और इसे 3-5 साल में पूरा करने की योजना है.
दूसरे चरण को 7-10 साल में पूरा करने की योजना है और अस्पताल की क्षमता 1,000 बिस्तरों तक बढ़ने की उम्मीद है. इसमें नैदानिक विभागों/केंद्रों, अनुसंधान क्षेत्रों का विस्तार, पैरामेडिकल विषयों को शामिल करना, वैकल्पिक चिकित्सा, अस्पताल प्रबंधन, खेल चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम भी शामिल होंगे. करंदीकर ने गंगवाल को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया और कहा, "प्रस्तावित मेडिकल स्कूल चिकित्सा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में आईआईटी कानपुर के नवाचारों को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत को उन संस्थानों की वैश्विक लीग में शामिल करेगा जो मानव जाति को लाभ पहुंचाने के लिए चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी को परिवर्तित कर रहे हैं."