रेलवे ने जारी किया भाप के इंजन वाली ट्रेन का शेड्यूल, 23 सितम्बर से होगी शुरुआत
उत्तर रेलवे ने फरूखनगर रेलवे स्टेशन से गढ़ी हरसरू रेलवे स्टेशन के बीच भाप के इंजन वाली ट्रेन चलाने की घोषणा की है.
यदि फिल्मों में आप भाप के इंजन देख कर रोमांचित होते हैं तो और आपका भी सपना भाप के इंजन की सवारी करने का है तो आपका ये सपना सच हो चुका है. उत्तर रेलवे ने फरूखनगर रेलवे स्टेशन से गढ़ी हरसरू रेलवे स्टेशन के बीच भाप के इंजन वाली ट्रेन चलाने की घोषणा की है. ये रेलगाड़ी हर रविवार को चलायी जाएगी. 23 सितम्बर से इस रेलगाड़ी की सेवाएं शुरू की जा रही हैं. इस स्टीम इंजन वाली ट्रेन को 15 सितम्बर को स्वच्छता ही सेवा एक्सप्रेस के नाम से चलाया गया था. अब यह गाड़ी हर रविवार को चलायी जाएगी. यात्रियों की मांग के अनुरूप दो से चार तक डिब्बे लगाए जाएंगे. इस ट्रेन में रेवाड़ी स्टीम लोको शेड के इंजन ही चलाए जाएंगे.
ये है इस गाड़ी का शिड्यूल
भाप के इंजन से चलने वाली ये विशेष रेलगाड़ी गढ़ी हरसरू रेलवे स्टेशन से सुबह 9.30 बजे चलेगी. रास्ते में यह गाड़ी 9.53 बजे सुलतानपुर कलियवास रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी. 2 मिनट इस रेलवे स्टेशन पर रुकने के बाद यह गाड़ी 9.55 बजे यहां से चल देगी. यहो से चलने के बाद यह रेलगाड़ी 10.15 बजे फरुखनगर रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी. फरुखनगर रेलवे स्टेशन से ये रेलगाड़ी दोपहर 11.15 बजे रवाना होगी. वापसी में यह गाड़ी गढ़ी हरसरू रेलवे स्टेशन पर दोपहर 12 बजे पहुंचेगी.
मात्र 10 रुपये के किराए में कर सकेंगे यात्रा
स्टीम इंजन वाली इस ट्रेन में आम लोग यात्रा कर सकें और स्टीम इंजनों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें इसके लिए विशेष तौर पर इस रेलगाड़ी का किराया मात्र 10 रुपये रखा गया है. यह ट्रेन गुड़गांव में फरूखनगर से गढ़ी हरसरू रेलवे स्टेशन के के बीच कुल 11 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. फिलहाल इस रूट पर मात्र 06 पैसेंजर रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं.
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने की थी घोषणा
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने ही वर्ष 2017 में गणतंत्र दिवस पर आम लोगों को स्टीम इंजनों के प्रति जागरूक करने के लिए इस गाड़ी को चलाने की घोषणा की थी और इसे चलाने की तैयारी करने के लिए रेलवे के अधिकारियों को निर्देश दिए थे. उन्होंने ने ही शनिवार को पहली स्टीम लोको ट्रेन स्वच्छता ही सेवा एक्सप्रेस को झंडी दिखा कर रवाना किया. इस गाड़ी में चार डिब्बे लगे थे. वहीं इस ट्रेन में रेवाड़ी शेड का डब्लूपी 7200 इंजन प्रयोग किया गया था. इस इंजन को आजाद के नाम से जाना जाता है.