26 राफेल,3 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों पर जल्द हो सकती है डील, इस Miniratna Defence PSU के शेयर पर होगा असर
Navy Chief on Defence Deal: नौसेना चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने घोषणा की कि भारतीय नौसेना अगले महीने 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये के सौदे को अंतिम रूप दे सकती है.
Navy Chief on Defence Deal: भारतीय नौसेना अगले महीने 26 राफेल लड़ाकू विमानों और 3 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये के सौदे को अंतिम रूप देने की उम्मीद कर रही है. इसके लिए फ्रांस के साथ बातचीत चल रही है. स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण मिनीरत्न डिफेंस पीएसयू मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में हो सकता है. नौसेना चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही है. इसके अलावा, नौसेना प्रमुख ने पुष्टि की कि आईएनएस अरिघाट से परमाणु-सक्षम मिसाइल का लॉन्च सफल रहा है.
स्कॉर्पीन पनडुब्बियों, 26 राफेल मरीन के लिए हो सकता है सौदा
सालाना नौसेना दिवस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए,एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, "भारतीय नौसेना अगले महीने तक राफेल-मरीन और तीन अतिरिक्त पनडुब्बियों, स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए सौदों पर साइन करने की उम्मीद कर रही है." भारतीय नौसेना 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ और मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड में तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के निर्माण के लिए फ्रांसीसी नेवी ग्रुप के साथ बातचीत कर रही है.
तीन पनडुब्बियों को करना चाहती है शामिल
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, ये तीन पनडुब्बियां उन छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के पूरक होंगी जो पहले ही डॉकयार्ड द्वारा बनाई जा चुकी हैं. भारतीय नौसेना प्रोजेक्ट 75 इंडिया कार्यक्रम के साथ तीन पनडुब्बियों को शामिल करना चाह रही है, जिसका उद्देश्य भारत की स्वदेशी पनडुब्बी क्षमताओं को बढ़ाना है. इस बीच, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने सोमवार को कहा कि समुद्री बल हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलए नेवी) पर नजर रखता है.
चीन की पीएलए नेवी, युद्धपोतों पर कड़ी नजर
नौसेना के एडमिरल त्रिपाठी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,"हम चीन की पीएलए नेवी, युद्धपोतों और यहां तक कि उनके रिसर्च वेसल्स सहित भारतीय समुद्र में काम करने वाले अतिरिक्त-क्षेत्रीय बलों पर कड़ी नजर रख रहे हैं और जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं और वे कहां हैं. जहां प्रशांत महासागर में चीन की नेवी की उपस्थिति बढ़ रही है, वहीं भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा पर केंद्रित है."