स्वदेशी सुरक्षा प्रणालियों से लैस हो रही भारतीय नौसेना, रक्षा आत्मनिर्भरता को मिली मजबूती
रक्षा मंत्रालय ने लगभग 1,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अगली पीढ़ी की मैरीटाइम मोबाइल कोस्टल बैटरी (लंबी दूरी) और ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BPAL) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं.
देश की सुरक्षा प्रणालियों को उच्च स्तर का बनाने का काम तेजी से चल रहा है. इसी क्रम में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए 17,00 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से 13 LYNX U2 Fire Control Systems की खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.
सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस
रक्षा मंत्रालय ने लगभग 1,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अगली पीढ़ी की मैरीटाइम मोबाइल कोस्टल बैटरी (लंबी दूरी) और ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BPAL) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. ये प्रणालियां सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस होंगी और भारतीय नौसेना की बहु-दिशात्मक समुद्री हमले की क्षमता में काफी वृद्धि करेंगी.
स्वदेशी रूप से विकसित
मंत्रालय ने अनुबंध को लेकर एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने बताया कि LYNX U2 Fire Control Systems को स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है. इसके अलावा यह एक नौसेना गन फायर कंट्रोल सिस्टम है. बता दें कि यह समुद्री के साथ-साथ हवा/सतह के लक्ष्यों पर सटीक रूप से नजर रखने और उन्हें भेदने में पूर्ण रूप से सक्षम है.
आत्मनिर्भर भारत से मिल रहा रक्षा क्षेत्र को गति
भारत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित तथा निर्मित करने की अपनी क्षमता का लगातार विस्तार कर रहा है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में उन्नत अत्याधुनिक तकनीकों और प्रणालियों को शामिल कर सेना को मजबूती दी जा रही है. बीते कुछ वर्षों से भारत रक्षा के क्षेत्र में अव्वल दर्जे के हथियार तैयार कर रहा है. इन सब हथियारों की एक विश्वसनीय धमक विदेशों में भी बन चुकी है. भारत सरकार का ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लिया हुआ संकल्प देश को न सिर्फ वैश्विक पटल पर और मजबूत कर रहा है, बल्कि भारत निर्मित स्वदेशी उपकरणों के प्रति विदेशी सेनाओं के भरोसे को भी दर्शा रहा है.
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(PBNS के इनपुट के साथ)