भारत का स्वच्छता अभियान आम लोगों की भागीदारी से जन आन्दोलन बन गया, आज  स्वच्छ भारत अभियान, स्वतंत्र भारत क एकलौता मिशन साबित हुआ जिसने देशवासियों में गंदगी से लड़ने की भावना विकसित की और लोगों के व्यवहार में भी बदलाव आया.  इसी क्रम में स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण चरण- II के तहत एक साल में 40 फीसदी गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल किया है. अगर गांवों की संख्या के आधार पर देखें तो पिछले साल मार्च 2022 तक 46,121 गांव ओडीएफ प्लस थे.

पीएम मोदी ने भी की प्रशंसा

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पीएम मोदी ने केवल एक वर्ष में ओडीएफ+ गांवों की संख्या में पांच गुना वृद्धि के बारे में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के एक ट्वीट के जवाब में कहा,”अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली, साथ ही दमन और दीव के लोगों पर गर्व है. उन्होंने स्वच्छ भारत बनाने के लिए उल्लेखनीय प्रतिबद्धता दिखाई है.”

केंद्रीय मंत्री ने भी दी प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में आई स्वच्छता जागरूकता श्रेष्ठ प्रमाण है, जिससे  साबित होता है कि स्वच्छता अब स्थायी आदत बन रही है और ग्रामीण जनता ने मोदी जी के आह्वान को नियमित लोकाचार के रूप में अपनाया है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश में ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या पिछले वर्ष मार्च की अवधि में 46,121 थी, जो इस वर्ष मार्च तक 2,29,957 हो गई है. यह शानदार पांच गुना वृद्धि है.

ओडीएफ प्लस गांवों में तेलंगाना शीर्ष पर 

बता दें कि तीन केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव ने न केवल ओडीएफ प्लस थे, बल्कि उनके सभी गांव ओडीएफ प्लस मॉडल श्रेणी में आ चुके हैं. इसके अलावा 100 फीसदी ओडीएफ प्लस गांवों के साथ तेलंगाना शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य है. इसके बाद 95.7 फीसदी ओडीएफ प्लस गांवों के साथ तमिलनाडु दूसरे और 93.7% ओडीएफ प्लस गांवों के साथ कर्नाटक तीसरे पायदान पर है.

हिमाचल प्रदेश 79% गांव ओडीएफ प्लस हुए 

वहीं हिमाचल प्रदेश भी है जहां 2022 तक केवल  18% गांव ओडीएफ प्लस थे , जो आज बढ़कर 79%  हो गए हैं. इसके बाद मध्य प्रदेश है जहां 2022 में 6% ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या 2023 में बढ़कर 62% गई और उत्तर प्रदेश जहां 2022 में 2% गांव ओडीएफ प्लस थे, उनकी संख्या 2023 में बढ़कर 47% हो गई. बता दें कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए एसबीएम-जी चरण-II की गतिविधियों के लिए 52,049 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

स्वच्छ भारत मिशन वास्तव में एक गेम चेंजर

आज स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, पूरे ग्रामीण भारत में स्वच्छता की पहुंच सुनिश्चित कर रहा है और वास्तव में यह एक गेम चेंजर की भूमिका में रहा है. पिछले आठ-नौ वर्षों में ”स्वच्छ भारत अभियान” ने देश के कोने-कोने तक अपनी पहुंच बनाई है. आज इस अभियान की बदौलत अनगिनत नागरिकों का जीवन बदल गया है. आज ओडीएफ प्लस गतिविधियां ओडीएफ व्यवहार को सुदृढ़ कर रही है और  स्थायी स्वच्छता की राह पर आगे बढ़ रही है.

(PBNS रिपोर्ट )