Vikram S Rocket: भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस हुआ लॉन्च, जानें इसकी खासियत
Vikram S Rocket: इस रॉकेट को हैदराबाद की एक प्राइवेट स्टार्टअप कंपनी स्काई रूट ने बनाया है. श्रीहरिकोटा में इसरो के लॉन्चिंग केंद्र सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा.
Vikram S Rocket: भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम एस आज अंतरिक्ष में लॉन्च हो गया है. हैदराबाद की निजी स्पेस कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) के रॉकेट Vikram-S ने उड़ान भरी है. इसे भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है, जिसमें तीन उपभोक्ता पेलोड हैं. इस मिशन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हैदराबाद स्थित स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस को इससे पहले विक्रम-एस की लॉन्चिंग कुछ तकनीकी खराबी की वजह से टालना पड़ा था.
भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि अंतरिक्ष तकनीक और नवोन्मेष के क्षेत्र में इसरो के साथ काम करने के लिए 100 स्टार्ट-अप समझौता कर चुके हैं. इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) के अध्यक्ष पवन कुमार गोयन ने इस अवसर पर बताया कि मुझे मिशन प्रारंभ - स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरुआत के सफल समापन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है. यह भारत के निजी क्षेत्र के लिए सुखद शुरुआत है, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं और एक ऐतिहासिक क्षण हैं. इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
किसने बनाया रॉकेट
इस रॉकेट को हैदराबाद की एक प्राइवेट स्टार्टअप कंपनी स्काईरूट ने बनाया है. श्रीहरिकोटा में इसरो के लॉन्चिंग केंद्र सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया. भारत की अंतरिक्ष तकनीक में निजी रॉकेट कंपनियों की एंट्री हो गई है. भारत अब उन बेहद कम देशों में शामिल हो जाएगा जहां निजी कंपनियां भी अपने बड़े रॉकेट लॉन्च करती हैं. मई 2022 में रॉकेट का सफल परीक्षण हो चुका है.Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
विक्रम एस रॉकेट क्या है?
विक्रम-एस सिंगल सॉलिड स्टेज रॉकेट है जो कि सब-ऑर्बिटल है. यह स्काईरुट के विक्रम सिरीज़ के रॉकेट्स का हिस्सा है. स्काईरूट एयरोस्पेस ने रॉकेट का नाम विक्रम रखा है.इस रॉकेट का नाम इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई की याद में दिया गया है. विक्रम श्रृंखला में 3 प्रकार के रॉकेट लॉन्च किए जाने हैं. इस रॉकेट को छोटे सैटेलाइट्स ले जाने के लिए विकसित किया गया है.