बड़ा फैसला, हरियाणा में सरपंच बनेंगे कारोबारी, करेंगे गेहूं की खरीद
इससे न केवल किसानों को अपना अनाज बेचने में आ रही प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी, साथ ही सरपंचों को भी नया काम मिलेगा.
वैसे तो सभी जगह रबी फसलों (Rabi Crops) की परचेजिंग शुरू हो गई है. लेकिन हरियाणा में कुछ जगहों पर आढ़तियों की स्ट्राइक (traders strike) के चलते गेहूं परचेजिंग (Wheat purchasing) के काम में प्रॉब्लम आ रही हैं. परचेजिंग न होने सबसे ज्यादा परेशान किसान हैं. इस बीच हिसार एडमिनिस्ट्रेशन (Hisar) ने गेहूं की परचेजिंग के लिए नया तरीका निकाला है.
हिसार जिले में बरवाला के एसडीएम राजेश कुमार ने सरपंचों के जरिए गेहूं की बिक्री कराने का फैसला लिया है.
क्या है मामला
दरअसल, पूरे हरियाणा में 20 अप्रैल से गेहूं की परचेजिंग शुरू हो चुकी है लेकिन, अपनी कुछ मांगों को लेकर मंडी में आढ़तियों ने स्ट्राइक का ऐलान कर दिया है. आढ़ती लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. आढ़तियों का आरोप है कि वे अपनी कुछ प्रॉब्लम्स को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन न तो एडमिनिस्ट्रेश और न ही सरकार उनकी सुनवाई कर रही है.
सरपंच कराएंगे ट्रेडिंग
किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए बरवाला के एसडीएम राजेश कुमार ने अपने एरिया के सरपंचों से बैठक कर फैसला किया कि इस एरिया में अब गेहूं की परचेजिंग सरपंचों के जरिए करवाई जाएगी.
सरपंचों को ट्रेडिंग लाइसेंस दिए जाएंगे और वे वैसे ही गेहूं परचेज करवा पाएंगे जैसे आढ़ती करवाते हैं. इसके एवज में उन्हें ढाई परसेंट का कमीशन भी मिलेगा.
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सरपंच बबूल खटोड़ ने बताया कि एसडीएम का यह फैसला एकदम नया और नायाब है. इससे न केवल किसानों को अपना अनाज बेचने में आ रही प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी, साथ ही सरपंचों को भी नया काम मिलेगा.
इस बीच हरियाणा की दूसरी मंडियों में गेहूं की परचेजिंग ठीक चल रही है.
(रिपोर्ट- रोहित कुमार/ हिसार)