अगर आप दवा ऑनलाइन मंगाते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी हैं. दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर अदालती रोक 20 दिसंबर 2018 से प्रभावी हो जाएगी. इसलिए दवा आज ही ऑर्डर की जा सकती है ताकि आपको आगे असुविधा न हो. गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने ऑनलाइन फार्मेसियों को दवा की बिक्री बंद करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा हैै कि ऑनलाइन फार्मेसियां खुली बिक्री या डाक्टरों के सुझाव पर दी जाने वाली दवाओं की बिक्री तब तक न करें जब तक कि इस संबंध में केंद्र सरकार कोई नियम न बना दे.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने लगाई है रोक

दिल्‍ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश वीके राव की पीठ ने कहा, 'एक बार नियम प्रभाव में आ जाने दीजिए, आप (ऑनलाइन फार्मेसी) दवाओं की बिक्री शुरू कर सकते हैं. समस्या यह है कि अभी इसके नियमन के कोई नियम नहीं हैं.' पीठ यहां कुछ ऑनलाइन फार्मेसी कंपनियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. 

कंपनियों ने मांगी थी छूट

ऑनलाइन दवा बेचने वाली इन कंपनियों ने अदालत से दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया था. उनका कहना है कि उनके पास लाइसेंस है और कोई भी दवा गैर-कानूनी तरीके से नहीं बेची जा रही है. उन्होंने अपनी दलील में यह भी कहा कि डॉक्टर के कहने पर दी जाने वाली दवाएं भी ऑनलाइन तभी बेची जाती हैं जब डॉक्टर का मान्य पर्चा उपलब्ध कराया जाता है.

दवाओं की ऑनलाइन बिक्री करना ‘अवैध’

कंपनियों के ऑनलाइन दवा बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक व्यक्ति जहीर अहमद ने एक जनहित याचिका दायर की थी. उसने अदालत को दलील दी थी कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री करना ‘अवैध’ है. याचिकाकर्ता ने अदालत को जानकारी दी कि मद्रास हाईकोर्ट ने भी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर तब तक के लिए पाबंदी लगा दी है जब तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन, दवा और सौंदर्य प्रसाधन संशोधन नियम 2018 को 31 जनवरी से पहले तक अधिसूचित न कर दे.

अदालत ने दिया 20 दिसंबर तक का समय

हालांकि मद्रास हाईकोर्ट ने कंपनियों को आगे अपील करने के लिए 20 दिसंबर तक का समय दिया है. इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को तय की है.