देश को इन दिनों चक्रवाती तूफानों का खतरा है. तीन तरफ से समुद्र से घिरे भारत को इन वक्त दो भयंकर तूफानों ने घेरा है. अभी तक अरब सागर में उठने वाले चक्रवाती तूफान 'महा' खतरा टला नहीं है, कि दूसरी तरफ 'बुलबुल' तूफान तबाही मचाने को तैयार खड़ा है. बंगाल की खाड़ी में 'बुलबुल' तेजी से भयावह रूप लेता नजर आ रहा है. एक तरफ महा तूफान से जहां महाराष्ट्र, गुजरात पर खतरा है तो वहीं, बुलबुल पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर सीधा असर डालेगा. हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवाती तूफान 'महा' अब इतना खतरनाक नहीं रहा, वह काफी हद तक कमजोर पड़ चुका है. 

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एक के बाद एक तीन तूफान

मौसम विभाग के मुताबिक, 'क्यार' के बाद 'महा' और अब 'बुलबुल' देश के लिए खतरा है. एक के बाद एक तीन तूफानों ने देश के तटीय इलाकों तक दस्तक दी है. ऐसा पहली बार हुआ है जब एक के बाद एक तीन तूफानों ने लगातार भारत के तटीय इलाकों तक अपनी पहुंच बनाई है. 'महा' से पांच दिन पहले ही चक्रवाती तूफान 'क्यार' का असर खत्म हुआ था और अब महा खत्म होने से पहले ही बुलबुल ने घेर लिया है.

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले 11 महीने में 7 तूफानों ने समुद्री तट के आसपास हलचल मचाई है. फिलहाल, चक्रवाती तूफान महा कमजोर पड़ चुका है और अब लौटते हुए गुजरात के तट से टकरा सकता है. इसका असर गुजरात के कई इलाकों में देखने को मिला है, जहां पिछली रात से बारिश हो रही है.

तबाही मचा सकता है 'बुलबुल'

मौसम विभाग का कहना है कि महा भले ही कमजोर पड़ चुका हो. लेकिन, नया चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' बन रहा है. यह तूफान अभी और तेज होने की संभावना है. आशंका जताई गई है कि 10 नवंबर तक यह अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान बन सकता है. अभी इसकी पोजिशन पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप से 930 किलोमीटर, ओडिशा के पारादीप से 820 किलोमीटर और अंडमान के माया बंदर से 370 किलोमीटर दूर है. अगले 12 घंटों में यह और दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा. अगले 24 घंटों में यह चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा.

क्या रहेगी 'बुलबुल' तूफान की गति?

6 नवंबरः 45 से 55 किमी/घंटा

7 नवंबरः 70 से 100 किमी/घंटा

8 नवंबरः 110 से 130 किमी/घंटा

9 नवंबरः 125 से 140 किमी/घंटा

10 नवंबरः 130 से 140 किमी/घंटा

ओडिशा को सबसे ज्यादा खतरा

'बुलबुल' का सबसे ज्यादा खतरा ओडिशा को है. कुछ महीने पहले ही ओडिशा ने तूफान फानी को झेला था. यह तूफान ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कहां टकराएगा, फिलहाल कहना मुश्किल है. संभावित तूफान को देखते हुए ओडिशा में तमाम बंदरगाहों पर खतरे का निशान जारी कर दिया गया है.