IL&FS Money laundering case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ढांचागत विकास और फाइनेंशियल सर्विसेज क्षेत्र से जुड़ी कंपनी ‘इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज’ (IL&FS) संबंधी मनीलॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री जयंत पाटिल को समन भेजा है. एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख पाटिल (61) को शुक्रवार को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है. इस मामले में इस्लामपुर सीट से विधायक पाटिल का बयान दक्षिण मुंबई में बलार्ड एस्टेट स्थित निदेशालय के कार्यालय में दर्ज किए जाने की संभावना है. पूर्व गृह एवं वित्त मंत्री पाटिल सात बार विधायक चुने गए हैं.

ऑडिट फर्मों पर भी पड़े हैं छापे

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने IL&FS में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में धनशोधन संबंधी जांच के दौरान बुधवार को इसकी दो पूर्व लेखा परीक्षा कंपनियों - बीएसआर एंड एसोसिएट्स और डेलॉयट हास्किन्स एंड सेल्स के परिसरों पर छापा मारा था. उन्होंने बताया कि इन दोनों कंपनियों के मुंबई स्थित परिसरों पर धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की गई थी. अधिकारियों ने दोनों कंपनियों ‘डेलॉयट हास्किन्स एंड सेल्स’ और ‘बीएसआर एंड एसोसिएट्स’ के कुछ कर्मचारियों से भी पूछताछ की थी और कुछ दस्तावेज जब्त किए थे. डेलॉयट के एक प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘एक पूर्व कर्मी से संबंधित मामले में यह नियमित पूछताछ थी और हम प्रशासन को पूरा सहयोग करते रहेंगे.” 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खुली जांच

एक सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय ने मुंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें दोनों कंपनियों के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) की जांच निरस्त कर दी गई थी. इससे इन कंपनियों के खिलाफ कंपनी अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू करने और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की ओर से उनके खिलाफ जांच आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया.

वित्तीय गड़बड़ियों के मामले में हो रही मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच

IL&FS ने 2018 में दिवाला कार्यवाही के लिए अपील की थी. एसएफआईओ कॉरपोरेट मामले के मंत्रालय के अंतर्गत आता है. यह सफेदपोश अपराधों और धोखाधड़ी की जांच करता है और मुकदमा चलाता है. प्रवर्तन निदेशालय ने IL&FS में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में धनशोधन के आरोपों की जांच 2019 में शुरू की थी. उस समय IL&FS समूह की कंपनियों- आईआरएल, आईटीएनएल, इसके अधिकारियों व अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज मुकदमे का संज्ञान लिया गया था.

निदेशाालय ने IL&FS फाइनेंशियस सर्विसेज (आईएफआईएन) और उसके अधिकारियों के खिलाफ एसएफआईओ की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत का भी संज्ञान लिया था. ईडी ने इस मामले में इससे पहले भी विभिन्न इकाइयों की संपत्तियां जब्त की हैं.

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