नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद देशभर से भारी-भरकम चालान के मामले सामने आ रहे है. इसके चलते लोग थोड़ा सतर्क हुए है, तो काफी हद तक भ्रम की स्थिति भी है. खैर, अगर आपका भी चालान कट गया और आपको लगता है कि पुलिस ने ग़लत चालान काटा है या फिर जुर्माने की राशि ज़्यादा है तो आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है.

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सबसे पहले यह जान लें कि आपको चालान मौके पर भरने की ज़रूरत नहीं है. पुलिस आप पर इसके लिए दबाव भी नहीं बना सकती. आपको चालान कोर्ट जाकर भरना होगा.

जब आप कोर्ट जाएंगे, कोर्ट जाकर आपको चालान भरना ही होगा, वह भी ज़रूरी नहीं है. कोर्ट जाने पर आपको ट्रैफिक पुलिस का एक रजिस्टर मिलेगा. जिसमें आपको चालान नंबर और गाड़ी नंबर के साथ दो विकल्प मिलेंगे, अपनी ग़लती कबूलने या फिर न कबुलने का.

अगर आप ग़लती कबूल लेते हैं तो आपको जुर्माना भरना होगा. अगर नहीं, तो फिर समरी ट्रायल चलेगा और अदालती कार्रवाई में आपके द्वारा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन साबित करने के लिए पुलिस को गवाह पेश करना होगा. अगर सही गवाह की गवाही नहीं होती तो फिर आपको चालान नहीं भरना होगा.

अगर आपकी ग़लती साबित भी हो जाती है, तो फिर आपकी ओर से कोर्ट से गुहार लगने पर और आगे ग़लती नहीं दोहराने की हिदायत के साथ कोर्ट आपका जुर्माना कम भी हो सकता है. अहम बात ये भी है कि अगर आप किसी वजह से ख़ुद कोर्ट जाने की स्थिति में नहीं हैं तो भी मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 208 के मुताबिक, आप अपने वकील के जरिए भी चालान की राशि जमा करा सकते है.

 

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मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 206 में ज़िक्र है कि किन दस्तावेजों के होने पर पुलिस आपकी गाड़ी ज़ब्त कर सकती है या नहीं. मसलन ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन न होने पर, कर्मिशयल वाहन का परमिट न होने या फिर नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने पर पुलिस आपकी गाड़ी जब्त हो सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि आपने रेडलाइट जंप की और पुलिस आपकी गाड़ी जब्त कर लेगी. खैर, गाड़ी जब्त होने की सूरत में आप ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी या फिर कोर्ट में असल दस्तावेज दिखाकर अपना वाहन वापस ले सकते हैं.

(रिपोर्ट- राकेश सिंह/ नई दिल्ली)