ICICI-Videocon Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड मामले में वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को अंतरिम जमानत दे दी है. धूत को ICICI बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में CBI ने 26 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था.  इससे पहले वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत की ओर से दायर रिट याचिका पर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने आदेश 13 जनवरी को सुरक्षित रखा था.  धूत ने अपने खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया है और अंतरिम जमानत भी मांगी थी.

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अपनी याचिका में, धूत ने संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के तहत स्पेशल CBI कोर्ट के 26, 28 और 29 दिसंबर, 2022 के रिमांड आदेशों को रद्द करने की मांग की थी. इसके साथ ही उन्होंने गिरफ्तारी को कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर, 1973 के सेक्शन 41 और 41A का उल्लंघन बताया था.

क्या है मामला?

आईसीआईसी बैंक ने 2011 में वीडियोकॉन को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था. तब वेणुगोपाल धूत और चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के बीच व्यापारिक संबंधों का खुलासा हुआ था. धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी में निवेश किया था. वहीं, कोचर ने इस बात का खुलासा नहीं किया था कि ये लोन वीडियोकॉन को कंसोर्टियम के हिस्से के रूप में दिया गया था, जिसके बाद सीबीआई, ईडी और एसएफआईओ सहित कई एजेंसियों ने जांच की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.

चंदा कोचर और पति दीपक को जमानत

वेणुगोपाल के अलावा आइसीआइसीआइ बैंक की पूर्व सीईओ एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को भी गिरफ्तार किया गया था. हाईकोर्ट चंदा कोचर और उनके पति दीपक को पहले ही जमानत दे चुकी है. जमानत मिलने के बाद चंदा कोचर बायकुला जेल से और उनके पति दीपक कोचर आर्थर रोड जेल से 9 जनवरी को रिहा हो गए थे.