ICEA ने भारत को सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिजाइन और IP निर्माण में सबसे आगे रखने के लिए विभिन्न उपायों की सिफारिश की है. इसमें बड़े भारतीय कॉरपोरेट्स को सेमीकंडक्टर डिजाइन में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना और चिप डिजाइन और विनिर्माण को एक रणनीतिक क्षेत्र के रूप में मानना ​​शामिल है. इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की है कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स और हाई-टेक उद्योग के लिए एक विशेष मार्केट एक्सचेंज स्थापित करना चाहिए.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पूरे उद्योग में विकास और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र बनने की क्षमता भी पैदा होगी.

भारत को सतर्क रहने की जरूरत

ICEA की रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत को सतर्क रहने और चीन से उच्च नोड और मेमोरी चिप्स की डंपिंग को रोकने के लिए गठबंधन बनाने की जरूरत है, अन्यथा हम डिस्प्ले जैसी स्थिति का जोखिम उठाएंगे, जिसमें अधिकांश वैश्विक टीएफटी-एलसीडी कंपनियां डूब गई हैं."

मास्क सेट के लिए 80 फीसदी सब्सिडी का प्रस्ताव

इस रिपोर्ट में डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना में 'मास्क सेट' (एक सब्सट्रेट पर एक पैटर्न बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले स्टेंसिल) को शामिल करने की सिफारिश करते हुए महत्वपूर्ण सरकारी और नीतिगत समर्थन की वकालत करती है.

ICEA ने अपनी सिफारिशों में कहा, "एक मजबूत भारतीय बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) ढांचे के उद्भव को सुविधाजनक बनाने के उपाय के रूप में भारतीय डिजाइन फर्मों के लिए 'मास्क सेट' की लागत में 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रस्तावित है."

रिपोर्ट ने सेमीकंडक्टर डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने के लिए नवीन फंडिंग दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया. इसने सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन/विनिर्माण को 'रणनीतिक क्षेत्र' के रूप में मानने की वकालत की, जिससे कम लागत वाले फंड तक पहुंच संभव हो सके और इलेक्ट्रॉनिक्स और उच्च तकनीक उद्योग के लिए एक समर्पित पूंजी बाजार प्रणाली स्थापित की जा सके.