अगर आप अपने प्‍लॉट पर घर बनाने की सोच रहे हैं तो आप इस तकनीक का इस्‍तेमाल कर सकते हैं. इससे घर न सिर्फ जल्‍दी बनकर तैयार होगा बल्कि खर्च भी कम आएगा. साथ ही इसकी ड्यूरेबिलिटी भी शानदार है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद में एक उद्यमी ने प्‍लास्टिक को रिसाइकिल कर 512 स्‍कवायर फुट घर का निर्माण किया है. खास बात यह है कि इस घर में ईंट और सीमेंट का जरा भी इस्‍तेमाल नहीं हुआ है. इस नायाब तरीके से घर के निर्माण में सिर्फ 8 लाख रुपए का खर्च आया.

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कैसे बनाया घर

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घर के निर्माण में प्‍लास्टिक और बम्‍बू का इस्‍तेमाल हुआ. उद्यमी प्रशांत लिंगम ने बताया कि स्‍टूडियो बनाने में 2500 किलो प्‍लास्टिक वेस्‍ट का इस्‍तेमाल किया गया. प्‍लास्टिक वेस्‍ट में प्‍लास्टिक कवर, दूध की थैली और वाटर बॉटेल के कैप शामिल थे.

 

हर तरह से फायर प्रूफ

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक स्‍टूडियो जरूर प्‍लास्टिक का है लेकिन न इसमें आग लगने का खतरा और न ही ढहने का. यह घर पूरी तरह से फायर, हीट और वाटर प्रूफ है. यह टरमाइट रेजिस्‍टेंट भी है. इसमें रह रहे लोगों का कहना है कि यह किसी सामान्‍य ईंट, मौरंग-सीमेंट से बने घर की तरह ही है.

आम घर से काफी अच्‍छा है

इस स्‍टूडियो को खरीदने वाले किशोर कुमार ने बताया कि यह एक आम घर से कहीं अच्‍छा है. बाहर का शोर घर के अंदर नहीं आता. इसे बनाने में समय काफी कम लगा.

म्‍यूनिसिप्‍ल कॉरपोरेशन के साथ मिलकर बना रहे कमरा

एक अन्‍य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत लिंगम और उनकी पत्‍नी अरुणा ने ग्रेटर हैदराबाद म्‍यूनिसिपल कॉरपोरेशन के साथ मिलकर प्‍लास्टिक वेस्‍ट के इस्‍तेमाल से एक कमरा बनवाया है. एनडीटीवी ने प्रशांत के हवाले से कहा कि प्‍लास्टिक 500 साल में डिकंपोज हो पाता है, ऐसे में उसका घर बनाने में इस्‍तेमाल ज्‍यादा श्रेयस्‍कर है.

कमरे में लगा कितना प्‍लास्टिक

कमरे की छत की शीट में करीब 800 किलो प्‍लास्टिक वेस्‍ट का इस्‍तेमाल हुआ है. वहीं वाशरूम में टेट्रा पैक्‍स का इस्‍तेमाल किया गया. 13x13 की फ्लोर टाइल के लिए 4.5 लाख पॉलीथीन बैग का इस्‍तेमाल हुआ. अगर इसका सामान्‍य तरीके से निर्माण होता तो इस पर 25 लाख रुपए का खर्च आने का अनुमान था लेकिन प्‍लास्टिक वेस्‍ट से बनाने में सिर्फ 7 लाख रुपए का खर्च आया.