देखने वाले हैरान रह गए- ढेड़ साल के बच्चे के डायपर से निकला भालू का पित्ताशय
पूरा मामला भारत-भूटान सीमा पर अलीपुरद्वार के जयगांव का है. यहां वन विभाग के अधिकारियों को खबर मिली थी कि भूटान से भारत के रास्ते थाईलैंड तस्करी करके भालू का पित्ताशय ले जाया जा रहा है.
एक हैरान करने वाले मामले में जब वन विभाग के टास्क फोर्स ने गश्त के दौरान परिवार के साथ जा रहे एक ढेड़ साल के बच्चे की जांच की तो सभी हैरान रह गए. बच्चे के डायपर के अंदर भालू का पित्ताशय था. बताया जा रहा है कि ये पित्ताशय हिमालयन ब्लैक बेयर का है. इससे बाद बच्चे को उसकी मां के सुपुर्द कर दिया गया और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है.
तस्करी का मामला
दरअसल पूरा मामला भारत-भूटान सीमा पर अलीपुरद्वार के जयगांव का है. यहां वन विभाग के अधिकारियों को खबर मिली थी कि भूटान से भारत के रास्ते थाईलैंड तस्करी करके भालू का पित्ताशय ले जाया जा रहा है. इसके बाद भारत भूटान बॉर्डर के जयगांव में वन विभाग के टास्क फोर्स ने गश्त के दौरान भालू का पित्ताशय जब्त किया. बताया जा रहा है कि ये पित्ताशय हिमालयन ब्लैक बेयर का है जो ३०० ग्राम का है. इस सिलसिले में दो भूटानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है.
वन विभाग ने मारा छापा
टास्क फोर्स का नेतृत्व करने वाले संजय दत्त ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों को खबर मिली था कि भूटान से जयगांव बॉर्डर होते हुए सिलीगुड़ी से थाईलैंड हिमालयन ब्लैक बेयर का पित्ताशय भेजा जा रहा है. वन विभाग की टीम स्थानीय नागरिकों के भेष में जयगांव बॉर्डर पर तैनात हो गई. जैसे ही तस्करों की गाड़ी बॉर्डर पार करके भारत के अंदर घुसी, तो वन विभाग की टीम ने उन्हें रोक लिया और तलाशी लेने लगे. पूछताछ करने पर पकड़े गए लोगों ने बताया कि बच्चे के डायपर के अंदर माल छुपा रखा है. इसके बाद बच्चे के डायपर को खोलते ही पित्ताशय बहार आ गया और बच्चा रोने लगा. बच्चे को उसकी मां के हवाले कर दिया गया जो उन्हीं में से एक तस्कर की पत्नी थी.
करोड़ों में है कीमत
तस्करों ने खुलासा किया कि ये पित्ताशय डेंगू, दिल की बीमारी की दवाई बनाने के काम आता है. तस्करों को जलपाईगुड़ी अदालत में पेश कर हिरासत में लेने की अपील की जाएगी. वन विभाग के संजय दत्त ने बताया, 'हमने दो भूटानी नागरिकों को पकड़ा जिनके पास से हमने तीन हिमालयन ब्लैक बेयर का पित्ताशय पकड़ा, जिनका वजन 300 ग्राम है. ये लोग थाईलैंड में इसे दस लाख रुपये में बेचा करते थे. विदेशी बाजार में इसकी कीमत करोड़ों में है. तस्करों से ही पता चला है कि इसकी दस ग्राम की कीमत है 31500 रुपये है और इंटरनेशनल मार्किट में इसके 450 ग्राम की कीमत करोड़ों में है.