रिपोर्ट : ब्रह्म दुबे

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डॉक्टरों और नर्सों पर लगातार मारपीट और हमले की घटनाओं से चिंतित सरकार अब इसको लेकर नया कानून लाने जा रही है. नए कानून के तहत डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े किसी भी कर्मचारी के साथ मारपीट की घटना को अपराध माना जाएगा और ये गैर जमानती होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और इस पर जनता से सुझाव और आपत्ति मांगी गई है. इसका मसौदे का नाम द हेल्‍थकेयर सर्विस पर्सनल एंड क्‍लीनिकल इस्‍टेब्लिशमेंट बिल 2019 (प्रॉहिबिशन ऑफ वायलेंस एंड डैमेज ऑफ प्रॉपर्टी) है. 

मसौदे की खास बातें

> प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को भी मिलेगा सरंक्षण

> डॉक्टर, नर्स या फिर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े किसी भी तरह के स्टाफ से मारपीट करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगा और ये गैर जमानती अपराध होगा.

> नए कानून में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मी के साथ किसी तरह की बदसलूकी भी गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगा

> दोषी पाए जाने पर छह माह से लेकर 5 साल तक की सजा का प्रावधान है और जुर्माना लगेगा.

> ऐसे मामलों की जांच DSP स्तर के अधिकारी या उसके ऊपर के अधिकारी ही कर पाएगा.

सरकार ने नये ड्राफ्ट का नोटिस जारी कर दिया है और 30 दिन के भीतर कोई भी इस ड्रॉफ्ट को लेकर सुझाव और आपत्तियां दे सकता है. ड्राफ्ट में कहा गया है कि ऐसी घटनाएं या हरकत जिससे किसी स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारी को चोट पहुंचती है, उसकी जानमाल का नुकसान करती है या फिर संस्थान को क्षति पहुंचाती है. उसे सजा मिलेगी. 

महत्तपूर्ण बात ये है कि नये कानून में अस्पताल, नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, डायग्नोस्टिक सेंटर के अलावा वे सभी स्‍थान कवर होंगे जहां किसी तरह की स्वास्थ्य सेवा होती है. ड्राफ्ट से साफ है कि प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर से भी यदि किसी ने मारपीट की तो उसपर भी इसी कानून के तहत कार्रवाई की जा सकेगी. मेडीकल और नर्सिंग स्टूडेंट से लेकर एंबुलेंस की नर्स और ड्राइवर और हेल्पर को भी इस कानून के तहत सरंक्षण मिलेगा.