National List of Essential Medicines: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एसेंसिशयल मेडिसिन की नेशनल लिस्ट 2022 जारी कर दी है. साल 2015 के बाद इस लिस्ट को साल 2022 में अपडेट किया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने आज दोपहर को एक कार्यक्रम के दौरान जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची जारी की है, जिसमें 34 नई दवाओं को शामिल किया गया है और 24 दवाओं को हटाया गया है. बता दें कि इस लिस्ट में पब्लिक हेल्थ के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं को शामिल किया गया है. इस बार लिस्ट में कुल 384 दवाओं को शामिल किया गया है. 350 एक्सपर्ट्स ने 140 बैठकों के बाद इस नई और ताजा लिस्ट को तैयार किया है. 

किस आधार पर दवाओं को मिली जगह

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7 साल बाद रिवाइज की गई इस लिस्ट में 34 नई दवाओं को शामिल किया गया है, जिसमें 4 एंटी कैंसर की दवा भी शामिल है. बता दें कि साल 2015 में इस लिस्ट में 376 दवाएं शामिल थीं लेकिन अपडेट करने के बाद इस लिस्ट में 24 दवाओं को हटाया गया है. 

बता दें कि इन दवाओं की प्रभावकारिता, सुरक्षा, गुणवत्ता और उपचार की कुल लागत के आधार पर इन्हें जरूरी दवाओं की नेशनल लिस्ट में शामिल किया गया है. National List of Essential Medicines की खास बात ये है कि इसको एंटी माइक्रोबायल रेजिस्टेंस पैटर्न को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. 

1996 में पहली बार बना था NLEM

बता दें कि पहली बार साल 1996 में नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन को बनाया गया था. इसके बाद इसे साल 2003, 2011 और 2015 में बदला गया था और अब पांचवीं बार साल 2022 में इस लिस्ट को रिवाइज किया गया है. 

कौन-सी दवाओं को किया जाता है शामिल

NLEM में उन दवाओं को शामिल किया जाता है, जो जो ज्यादा से ज्यादा लोगों के काम में आती हैं. इन दवाओं का अधिकतम दाम सरकार कंट्रोल में रखती है. दवा कंपनियां एक साल में इस लिस्ट मे शामिल दवाओं का दाम 10% से ज्यादा नहीं बढा सकती. इसी लिस्ट में 4 एंटी कैंसर की दवाओं को भी शामिल किया गया है. 

किन दवाओं को इस लिस्ट में किया गया शामिल

इस लिस्टम में Meropenam जैसी एंटीबायोटिक जोड़ी गई हैं. इसके अलावा Nicotine replacement therapy जोड़ी गई है, यानी सिगरेट छुडाने वाली दवा अब NLEM में शामिल हैं. वहीं Ivermectin जोडी गई, जो कि कीड़े मारने की दवा है. लेकिन इसे कोरोना में कई मामलों में असरदार पाया गया है. इसके अलावा Rotavirus vaccine को लिस्ट में शामिल किया गया है.

इस लिस्ट में किन दवाओं को हटाया गया

इस लिस्ट में Erethromycin जैसी एंटीबायोटिक दवाओं को हटाया गया है. वहीं Fixed dose combination को इस लिस्ट में आमतौर पर नहीं रखा जाता है. इसके अलावा एसीडिटी की दवा ranitidine को लिस्ट से हटाया गया है. हाल ही में इस दवा की सेफ्टी पर सवाल उठे थे. 

इसके अलावा Covid Management वाली दवा फिलहाल इसमें शामिल नहीं, क्योंकि इमरजेंसी यूज ऑथेराइजेशन वाली हैं, उनकी और जांच होना बाकी. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटीबायोटिक दवाओं के बेअसर होने की समस्या को रोकने के लिए तीन कैटेगरी सुझाई थी. 

  • Access - यानी रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली
  • Watch - संभलकर इस्तेमाल करने वाली दवा
  • Reserve - अपवाद में ही इस्तेमाल होने वाली दवा

देश में एंटीबायोटिक दवा का इस्तेमाल कम हुआ

Lancet की रिपोर्ट है जिसमें कहा गया कि भारत में 47%  antibiotic दवाएं बिना इजाजत इस्तेमाल की जा रही है. इस पर सरकार की सफाई ने देते हुए कहा था कि ये वे दवाएं है जो तब बाजार में आई थी जब CDSCO दवाओं को मंजूरी नहीं दी जाती थी. भारत में ब्राजील, अमेरिका और यूरोप से कम एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन आबादी ज्यादा होने की वजह से ज्यादा लगती है. वास्तव में भारत में पहले से antibiotic दवा का प्रयोग कम हुआ है.