Harshad Mehta Death: हर्षद मेहता के मौत के 20 साल बाद पत्नी ने तोड़ी चुप्पी, वेबसाइट बनाकर लगाया ये आरोप
Harshad Mehta Death: दिवंगत स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता के मौत के करीब 20 साल बाद उनकी पत्नी ने एक वेबसाइट बनाकर जेल के अधिकारियों पर कई आरोप लगाए हैं.
Harshad Mehta Death: देश के सबसे बड़े स्टॉक घोटाले के आरोपी और दिवंगत स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता की जेल में मृत्यु के 20 साल बाद उनकी पत्नी ज्योति मेहता ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने ठाणे जेल अधिकारियों पर अपने पति को समय पर चिकित्सा प्रदान करने में लापरवाही का आरोप लगाया है. मेहता के परिवार के सदस्यों ने हाल ही में उनके नाम से एक वेबसाइट (https://www.harshadmehta.in) शुरू की है. जिसमें उनकी पत्नी ने लिखा कि उनके घाव अभी भी ताजा हैं और 20 बीतने के बावजूद यह खुद से ठीक नहीं हो सकते हैं.
54 दिन की हिरासत के मौत
मेहता की पत्नी ने कहा कि 30 दिसंबर, 2001 की रात में लगभग 11 बजे हमें हर्षद की मौत की खबर मिली. ठाणे जेल में 54 दिनों की हिरासत के बाद मेरे पति की अचानक दुखद मौत हो गई. वह 47 साल के थे और बिल्कुल स्वस्थ थे. हर्षद मेहता (Harshad Mehta) का दिल की बीमारी से जुड़ा कोई पिछला रिकॉर्ड भी नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि हम अपने दुश्मनों के लिए भी ऐसी सजा और इस तरह की दुखद मौत की कामना नहीं करते हैं.
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चार घंटे अधिकारियों ने की लापरवाही
ज्योति ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन, जेल के अधिकारियों ने शाम लगभग 7 बजे पहला दिल का दौरा पड़ने के बाद चार घंटों तक उनकी शिकायत को अनदेखा किया.
हर्षद मेहता (Harshad Mehta) ने अपने छोटे भाई सुधीर को अपने दिल में असमान्य दर्द की सूचना दी, जो बगल के ही सेल में था. उसने हर्षद की आवाज तो सुनी लेकिन उसे देख नहीं सका.
जेल के डॉक्टरों के पास नहीं थी दवा
ज्योति ने कहा कि जेल के डॉक्टरों ने मेहता की जांच की लेकिन उनके पास दिल का दौरा पड़ने की कोई दवा नहीं थी.
ज्योति ने लिखा, "हर्षद ने उनसे सोर्बिट्रेट (दवा) देने का अनुरोध किया, जो मैंने 54 दिन पहले उनकी गिरफ्तारी के समय एक इमरजेंसी किट में दी थी, जिसे जेल हिरासत में रखा गया था. जिसने उन्हें लगभग 4 घंटे तक जीवित रखा."
बच सकती थी हर्षद की जान
उनकी पत्नी ने आगे कहा कि जेल के अधिकारियों ने उसे अस्पताल ले जाने इस चार घंटे के समय का उपयोग किया होता तो उनकी जान बच सकती थी. परिवार का कोई भी सदस्य हर्षद मेहता के अंतिम समय में उसके साथ नहीं था.
ज्योति के अनुसार, रात 11 बजे, हर्षद को ठाणे अस्पताल में लंबी दूरी तक चलने के लिए मजबूर किया गया, जहां कार्डियोग्राम में दूसरे बड़े हमले की पुष्टि के बाद उन्होंने तुरंत व्हीलचेयर में दम तोड़ दिया.
परिवार को नहीं दी गई जानकारी
ज्योति ने कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद परिवार को न तो जांच रिपोर्ट और न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रदान की गई. जबकि सुधीर को हर्षद को अस्पताल ले जाने के बारे में सूचित नहीं किया गया था, उसे अगली सुबह अपने भाई की मृत्यु के बारे में बताया गया था.