Covid 19 Survivors: कोरोना महामारी के कारण अस्पताल में भर्ती आधे से अधिक लोगों में अभी भी SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमित होने के दो साल बाद भी इसके कम से कम एक लक्षण मौजूद हैं. इस बात का खुलासा द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल (The Lancet Respiratory Medicine journal) में प्रकाशित एक स्टडी से हुआ है. इस स्टडी में कोरोना महामारी की पहली लहर में कोविड-19 से संक्रमित हुए 1,192 लोगों ने हिस्सा लिया था.

आम लोगों के मुकाबले खराब सेहत

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किसी भी बीमारी से उबरने के बाद आमतौर पर समय के साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. जबकि स्टडी से पता चलता है कि कोरोना से पीड़ित हुए लोगों की हेल्थ और क्वालिटी ऑफ लाइफ सामान्य आबादी की तुलना में खराब है.

 

रह जाते हैं ये लक्षण

स्टडी में कहा गया है कि यह विशेष रूप से उन प्रतिभागियों में देखा गया है, लंबे समय तक इससे पीड़ित रहे. कोरोना से पीड़ित होने के दो साल बाद भी इन प्रतिभागियों में इसके कम-से-कम एक लक्षण जैसे थकान, सांस की तकलीफ और नींद में कठिनाई मौजूद है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के दीर्घकालिक हेल्थ प्रॉब्लम्स अभी भी अज्ञात हैं.

ठीक होने में लगता है दो साल से अधिक समय

इस स्टडी के प्रमुख लेखक चीन-जापान मैत्री अस्पताल के प्रोफेसर बिन काओ (Professor Bin Cao) ने कहा, "हमारे निष्कर्ष बताते है कि अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों के लिए पूरी तरह से ठीक होने में दो साल से अधिक की आवश्यकता है."

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इन लोगों की जांच आवश्यक

काओ ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस से बचे लोगों के निरंतर जांच और उनके पैटर्न को समझने की आवश्कता है, खासकर उन लोगों में जो लंबे समय तक इससे पीड़ित रहे. यह आगे लोगों के रिकवरी और ट्रीटमेंट में काम आएगा.

शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना से पीड़ित कुछ विशेष लोगों को निरंतर सहायता की आवश्यकता है और यह समझने की आवश्यकता है कि कैसे वैक्सीन, नए ट्रीटमेंट और वेरिएंट लंबे समय में स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रहे हैं.