राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला 6 लेन का चंबल एक्सप्रेस-वे (Chambal Expressway) अब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के नाम से जाना जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार ने यह घोषणा की है. 

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि चंबल एक्सप्रेस-वे अब श्री अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस-वे (Shri Atal Bihari Vajpayee Chambal Progressway) के नाम से जाना जाएगा.

पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि के मौके पर शिवराज सिंह ने यह घोषणा की. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज दूसरी पुण्यतिथि है.

404 किलोमीटर लंबा चंबल एक्सप्रेस-वे

प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे चंबल नदी (Chambal River) के किनारे-किनारे राजस्थान के ऐतिहासिक शहर कोटा और उत्तर प्रदेश के इटावा को आपस में जोड़ेगा. इस एक्सप्रेस-वे की अनुमानित लंबाई 404 किलोमीटर रहेगी, जिसमें 309 किलोमीटर हिस्सा मध्य प्रदेश में, 78 किमी राजस्थान में और 17 किमी उत्तर प्रदेश होगा. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 7,532 करोड़ रुपये रहेगी.

 

चंबल एक्सप्रेस वे से भिंड, मुरैना, श्योपुर जिले के साथ आसपास के पूरे इलाके की तस्वीर बदल जाएगी क्योंकि एक्सप्रेस-वे में ही दोनों ओर लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक केंद्र, कृषि उत्पाद केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण केंद्र, स्मार्ट सिटीज, शिक्षा केंद्र, रिसॉर्टस और मनोरंजन केंद्र  के प्रस्ताव किए जाएंगे, जिससे इलाके का तेजी से विकास होगा.

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100 मीटर चौड़ाई वाले चंबल एक्सप्रेस-वे के किनारे व्यवसायिक गतिविधियां विकसित की जाएंगी.  लॉजिस्टिक पार्क तैयार किए जाएंगे. औद्योगिक केन्द्र, कृषि उत्पाद केन्द्र, फूड प्रोसेसिंग सेंटर बनाए जाएंगे.

भारतमाला परियोजना से जुड़ेगा यह एक्सप्रेस-वे

 केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों कहा था कि चंबल एक्सप्रेस-वे (Chambal expressway) को 'भारतमाला परियोजना' (Bharatmala Project) में शामिल किया जाएगा.