Morbi Bridge Tragedy: गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने केबल पुल टूटने से अबतक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. गुजरात के मोरबी में हुए इतने बड़े हादसे के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) मोरबी का दौरा करने वाले हैं. 1 नवंबर को पीएम मोदी मोरबी का दौरा करेंगे. बता दें कि रविवार शाम 6 बजे ये पुल टूट गया था. जी न्‍यूज नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में अब तक 137 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने इस हादसे में अबतक 132 लोगों के मौत की पुष्टि की है. कई लोग अभी तक लापता हैं जिनकी तलाश जारी है. 

मामले में दर्ज की गई FIR

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गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि इस मामले में एक क्रिमिनल एफआईआर दर्ज कर दी गई है. IGP के अंडर में जांच भी शुरू कर दी गई है. संघवी ने बताया कि पूरी रात नौसेना, NDRF, एयरफोर्स और आर्मी ने मिलकर काम किया है. उन्होंने बताया कि रविवार की रात 200 से ज्यादा लोगों ने छानबीन की और रेस्क्यू ऑपरेशन पर काम किया. 

राष्ट्रपति, पीएम समेत कई नेताओं ने जताया शोक

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने मोरबी हादसे पर दुख जताया है. गुजरात सरकार ने मोरबी हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं. जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है. मच्छु नदी में गिरे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए टीमें जुटी हुई हैं. आशंका है कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है.

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मोरबी में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी 

मोरबी हादसे के बाद पूरा सरकारी तंत्र रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में जुट गया है. मोरबी में वायुसेना के 30 जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर राहत-बचाव का कार्य कर रही हैं. शवों की शिनाख्त की जा रही है. मच्छु नदी से शवों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है. मुश्किल में फंसे लोग हेल्पलाइन नंबर 02822243300 पर कॉल कर सकते हैं.

बता दें, मोरबी के केबल ब्रिज पर जाने के लिए सैलानियों से 17 रुपये चार्ज किए जाते थे और बच्चों का टिकट 12 रुपये था. पुल की मरम्मत के बाद सब कुछ सही चल रहा था. यही वजह है कि रविवार के दिन बड़ी संख्या में सैलानी आए थे. सवाल ये है कि अगर ब्रिज की कैपेसिटी ज्यादा नहीं थी तो जरूरत से ज्यादा लोगों को टिकट देकर झूलते पुल पर जाने के क्यों दिया गया?