वस्तु एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लागू हुए लगभग डेढ़ वर्ष हो गए हैं. हालांकि इस व्यवस्था से सरकार के राजस्व में इजाफा हुआ है, लेकिन यह भी सच है कि जीएसटी लागू होने के बाद भी बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी हो रही है. टैक्स चोरी को रोकने के लिए गुजरात प्रशासन ने एक नई पहल की है. यहां जिन्होंने भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाया है, अब उस पते पर जाकर जीएसटी विभाग के अधिकारी खुद जांच कर रहे हैं. 

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अहमदाबाद की नवा माधवपुरा अनाज मार्केट में अनाज का थोक व्यापार होता है. मंगलवार को अहमदाबाद जीएसटी विभाग के अधिकारियों की एक टुकड़ी यहां पर तफ्तीश करने के लिए पहुंची. अधिकारियों ने अपने कंप्यूटर के डाटा में रजिस्टर्ड व्यापारी के विवरण की जांच की. व्यापारी ने जो रिटर्न भरे, उनकी भी जांच की गई.

9 लाख जीएसटी नंबर

गुजरात के चीफ जीएसटी कमिश्नर पीडी वाघेला ने बताया कि गुजरात में कुल 9 लाख जीएसटी नंबर हैं लेकिन इनमें से आधे से ज्यादा यानी कि साढे चार लाख नंबर नए हैं. मतलब की जीएसटी लागू होने के बाद इतने लोगो ने नया नंबर लिया है.इसमें कई लोगों ने गलत नंबर लेकर सिर्फ बोगस बिल बनाकर टैक्स की चोरी कर रहे हैं. इस तरह की चोरी को रोकने के लिए क्रॉस वेरिफिकेशन हो रहा है.

1500 करोड़ की बोगस बिलिंग

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, गुजरात मे अब तक करीब 1500 करोड़ से अधिक की बोगस बिलिंग के ज़रिए जीएसटी चोरी हुई है. जिनमें साढे तीन सौ करोड़ का सरकार का टैक्स भी बनता है. इसलिए अब हर जीएसटी नंबर को क्रॉस वेरिफिकेशन करने के लिए पूरे राज्य में टीमों को उतारा गया है. जो ईमानदार व्यापारी है और जो सरकार को ऑनलाइन जीएसटी में सही जानकारी देते हैं उनके लिए यह क्रॉस वेरिफिकेशन एक अच्छी खबर है लेकिन जो सिर्फ जीएसटी चोरी का काम करते हैं उनके लिए यह मुसीबत है.

जीएसटी कमिश्नर पीडी वाघेला ने बताया कि गुजरात में जीएसटी की चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही है ऐसे में क्रॉस वेरीफिकेशन के जरिए सरकार गलत जीएसटी नंबरों को रद्द करके पूरी प्रक्रिया को प्रदर्शित करना चाहती है. साथ ही साथ सरकार का जो टैक्स का आंकड़ा है उसको भी बढ़ाना चाहती है.

(अहमदाबाद से केतन जोशी की रिपोर्ट)