केंद्र सरकार देश के बंदरगाहों (port) की जमीन से जुड़े मामले में एक नया फैसला लेने वाली है. खबर है कि सरकार पोर्ट लैंड पॉलिसी (port land policy) को जल्द मंजूरी देगी. इसके तहत सरकार की तरफ से देश के 12 बड़े पोर्ट की जमीन को मोनिटाइज किया जाएगा. फिलहाल पॉलिसी कैबिनेट में है. बताया जा रहा है कि कैबिनेट जल्द इसे मंजूरी दे देगी. भारत सरकार (government of india) के शिपिंग मंत्रालय (जहाजरानी मंत्रालय) की यह नई पॉलिसी होगी. इस नई पॉलिसी को मंजूरी देने के पीछ सरकार की तैयारी पोर्ट की जमीन को कॉमर्शिय डेवलपमेंट के लिए देने की तैयारी है.

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सरकार नई पोर्ट लैंड पॉलिसी के तहत पोर्ट से जुड़ी जो इंडस्ट्री है उसे बढ़ावा देगी. इसका फायदा मुंबई (Mumbai) के रीयल एस्टेट (real estate) को भी होगा. पोर्ट की जमीन की बात की जाए तो लीज पर दी जाने वाली 600 एकड़ जमीनें हैं. इसकी वैल्यू 50,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

मूंबई के प्राइम लैंड पर रेसिडेंशियल, कॉमर्शियल रीयल एस्टेट को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. इसके अलावा साउथ मुंबई में पोर्ट ट्रस्ट की 625 एकड़ ईस्टर्न वाटर फ्रंट पर जमीन है. बता दें कि कांडला, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, जेएनपीटी, मोरमुगाओ, न्यू मनागलोर, कोचीन, चेन्नई, एननोर, वी ओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता पोर्ट से सिर्फ 61 प्रतिशत कार्गो ट्रैफिक हैंडल होता है.

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सरकार की कोशिश है कि इन जमीनों पर रेजिडेंशियल कॉम्पलैक्स, कमर्शियल कॉम्पलैक्स और समुद्री टूरिज्म को काफी बढ़ावा दिया जाएगा. सरकार इस एक तरह से इनका हब बनाएगी. पॉलिसी के तहत प्राइम लोकेशन की जमीन को मोनेटाइज किया जाएगा. खबर के मुताबिक, जमीन के बड़े हिस्से को अफोर्डेबल हाउसिंग के प्रोजेक्ट लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. रीयल एस्टेट सेक्टर में नई सप्लाई बढ़ेगी, हाउसिंग की दिक्कत दूर करने में मदद मिलेगी.