केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनका मंत्रालय ‘रिसाइकिल’ स्टील को बढ़ावा दे रहा है. इसके तहत प्राइमरी स्टील प्रोड्यूसर्स (primary steel producers) द्वारा 2047 तक कच्चे माल के रूप में 50% रिसाइकिल स्टील के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.

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इस समय प्राइमरी स्टील इंडस्ट्री में रिसाइकिल स्टील के इस्तेमाल का स्तर करीब 15% है. जबकि यह उद्योग कुल घरेलू स्टील उत्पादन में 22.5% का योगदान देता है.

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रिसाइकलिंग को बढ़ावा देना मकसद

भाषा की खबर के मुताबिक, मेटेरियल रिसाइकिलिंग पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही. तीन दिन तक चले इस सम्मेलन का आयोजन ‘मैटेरियल रिसाइकलिंग एसोसएिशन ऑफ इंडिया’ ने किया. इसमें 38 देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. सिंधिया ने कहा कि आने वाले वक्त में उद्योग को प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को कम करते हुए रिसाइकलिंग को बढ़ावा देना होगा.

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उन्होंने कहा कि सरकार 2030 तक इस्पात क्षेत्र में कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में 5% कमी के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में रिसाइकिल स्टील का इस्तेमाल बेहद अहम है. उन्होंने कहा, इस समय प्राइमरी स्टील उत्पादन में कबाड़ का इस्तेमाल केवल 15% है. हम अगले पांच वर्षों में इसे बढ़ाकर 25% करने पर जोर देंगे और 2047 तक इसे 50% करने का लक्ष्य है.

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