किसानों के उत्थान के लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) गंभीरता से लगातार काम कर रही है. सरकार का फोकस ग्रामीण महिलाओं और महिला किसानों के विकास पर है. वैसे तो सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ाकर दोगुनी (Farmers' Income) करने का टारगेट तय किया है. इस टारगेट को पाने में सरकार ने महिलाओं को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. इसके लिए अगले दो सालों में पूरे देश में 75 लाख स्वयं सहायता समूह (Self help groups) बनाए जाएंगे.

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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश में कुल 75 लाख महिला स्व-सहायता समूह (एसएचजी) बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नए भारत का मिशन साकार हो सकता है.

तोमर ने कहा कि देशभर में 60.8 लाख एसएचजी के साथ 6.73 करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं और महिलाओं को आजीविका पाने में अधिक सक्षम बनाने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय की वर्ष 2022 तक कुल 75 लाख एसएचजी बनाने की योजना है. उन्होंने महिला स्व-सहायता समूह (एसएचजी) को गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम की रीढ़ बताया. 

कृषि मंत्री ने कहा कि बेहतर प्रदर्शन के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के मकसद से ग्रामीण विकास मंत्रालय उनके लिए पुरस्कार की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीते छह साल के दौरान स्वयं सहायता समूहों को 2.75 लाख करोड़ से अधिक का ऋण प्रदान किया गया है.

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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कार्य बल में 55 फीसदी महिलाएं शामिल हैं और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) से 4.66 लाख महिलाएं जुड़ी हैं.