केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले कार्यकाल में ही 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ाकर दोगुनी (Farmers' Income) करने का टारगेट तय किया था. और इस टारगेट को हासिल करने के लिए लगातार कई योजनाएं शुरू की गईं. अब जब टारगेट की तारीख 2022 को आने में महज 2 साल ही शेष बचे हैं, सरकार को भरोसा है कि वह इन दो सालों में अपने लक्ष्य को पूरा कर लेगी. कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल कर लिये जाने का भरोसा जताया है.

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राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की रिपोर्ट के अनुसार, किसानों की औसत मासिक आय वर्ष 2016-17 के दौरान 8,167 रुपये रही, जबकि वर्ष 2013-14 में यह 6,426 रुपये थी.

कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुना (Doubling Farmers' Income) करना सरकार की प्राथमिकता है और उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य निश्चित रुप से हासिल किया कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कई योजनाएं शुरु की गई हैं, और अगले वित्त वर्ष के लिए इस क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में भी काफी वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि 2020-21 के लिए कृषि क्षेत्र का बजट आवंटन 1,50,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है.

एक उच्च-स्तरीय समिति ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई उपायों की सिफारिश की है.

खाद्यान्न उत्पादन में बनेगा नया रिकॉर्ड 

मॉनसून के मेहरबान रहने से भारत इस साल गेहूं, धान, चना समेत खाद्यान्नों के कुल उत्पादन में फिर नया रिकॉर्ड बनाएगा. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में इस साल करीब 29.19 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद है, जोकि पिछले साल के मुकाबले 67.4 लाख टन अधिक है.

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फसल वर्ष 2018-19 में खाद्यान्न का उत्पादन 28.52 करोड़ टन था. बीते पांच साल (2013-14 से लेकर 2018-19) के खाद्यान्नों के औसत उत्पादन की तुलना में इस साल देश में खाद्यान्न का उत्पादन 2.62 करोड़ टन ज्यादा होने का अनुमान है.