गर्मी में बिजली नहीं होगी गुल, सरकार ने गैस आधारित बिजली संयंत्रों को दिया ये निर्देश
Electricity: बिजली मंत्रालय ने कहा, गैस-आधारित उत्पादन संयंत्रों से अधिकतम बिजली उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 11 के तहत सभी गैस-आधारित उत्पादन संयंत्रों को निर्देश जारी किए हैं.
Electricity: गर्मियों के मौसम में देश में बिजली की ऊंची मांग पूरी करने के लिए केंद्र सरकार ने गैस-आधारित बिजली संयंत्रों में उत्पादन शुरू करने का फैसला किया है. बिजली मंत्रालय ने कहा, गैस-आधारित उत्पादन संयंत्रों से अधिकतम बिजली उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 11 के तहत सभी गैस-आधारित उत्पादन संयंत्रों को निर्देश जारी किए हैं. इस धारा के तहत राज्य या केंद्र सरकार निर्दिष्ट कर सकती है कि असाधारण परिस्थितियों में एक उत्पादक कंपनी किसी भी उत्पादन स्टेशन का संचालन और रखरखाव उस सरकार के निर्देशों के अनुसार करे.
गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों (GBSs) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वर्तमान में, विशेषकर व्यावसायिक कारणों से, उपयोग में नही है. धारा 11 के अंतर्गत जारी किया गया यह आदेश आयातित-कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के समान ही है, जिसका उद्देश्य आने वाले महीनों में उच्च मांग अवधि के दौरान गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों से बिजली की उपलब्धता को पूरा करना है. यह आदेश 1 मई, 2024 से 30 जून, 2024 तक बिजली उत्पादन और आपूर्ति के लिए वैध रहेगा.
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बिजली मंत्रालय ने कहा कि ग्रिड-इंडिया गैस आधारित उत्पादन स्टेशनों को पहले से सूचित करेगा कि कितने दिनों के लिए गैस आधारित बिजली की जरूरत है. वितरण लाइसेंसधारियों के साथ बिजली खरीद समझौते (PPAs) रखने वाले गैस आधारित उत्पादन स्टेशन पहले पीपीए धारकों को अपनी बिजली की पेशकश करेंगे. अगर दी गई बिजली का उपयोग किसी पीपीए धारक द्वारा नहीं किया जाता है, तो इसे बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा.
गैस-आधारित उत्पादन स्टेशन जो पीपीए से बंधे नहीं हैं, उन्हें बिजली बाजार में अपना उत्पादन पेश करना होगा. इस निर्देश के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है.
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गर्मी के मौसम में लोड पूरा करने पार जोर
गैस आधारित उत्पादन स्टेशनों को चालू करने का निर्णय सरकार द्वारा उठाए गए उपायों की एक श्रृंखला का हिस्सा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गर्मी के मौसम में बिजली की मांग पूरी हो. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने इस पर कई बैठकें कीं, जिनमें गर्मी के मौसम के दौरान लोड को पूरा करने के लिए बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की जरूर पर जोर दिया गया.
ग्रीष्मकालीन बिजली की मांग को पूरा करने के अन्य उपाय
सरकार ने गैस आधारित उत्पादन स्टेशनों पर निर्णय के अलावा, गर्मियों में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कई उपाय किए हैं.
- बिजली संयंत्रों के नियोजित रखरखाव को मानसून सीजन में स्थानांतरित करना
- नई क्षमता वृद्धि में तेजी लाना
- तापीय विद्युत संयंत्रों की आंशिक कटौती को कम करना
- कैप्टिव उत्पादन स्टेशनों के साथ अधिशेष बिजली का उपयोग करना
- अतिरिक्त बिजली को एनर्जी एक्सचेंज में बिक्री के लिए पेश करना
- आयातित-कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के लिए धारा 11 के निर्देशों को पूरी क्षमता के साथ उत्पादन उपलब्ध कराने के लिए उपयोग में लाना
- जल विद्युत उत्पादन को पीक आवर्स में स्थानांतरित करना
- कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों द्वारा अग्रिम योजना बनाना