भ्रामक विज्ञापनों को लेकर दिशा-निर्देश जारी के बाद अब सरोगेट विज्ञापनों के लिए गाइडलाइंस जारी करने की तैयारी हो रही है. सरकार अब मिसलीडिंग विज्ञापनों पर नकेल कसने के बाद सरोगेट विज्ञापनों को लेकर विचार कर रही है. इसे लेकर 22 फरवरी को इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के साथ बड़ी बैठक होने वाली है. ये बैठक उपभोक्ता मामले सचिव की अध्यक्षता में होगी. इस बैठक का एजेंडा होगा सरोगेट विज्ञापन पर पूर्ण रोकथाम.

क्या प्रस्ताव ला सकती है सरकार?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इतना ही नहीं, रोकथाम के लिए नियम कड़े और पेनल्टी भी बढ़ाने की तैयारी है. सरकार विज्ञापनों के लिए टर्नओवर का क्लॉज ला सकती है. ऐसे विज्ञापन की मॉनिटरिंग के लिए AI समेत अन्य तकनीक का इस्तेमाल होगा. दरअसल, मौजूदा नियम और गाइडलाइंस के बावजूद विज्ञापन जारी हैं. सरकार का स्पष्ट कहना है कि इंडस्ट्री इसे बंद करे. ऐसी गाइडलाइन रखी जाएगी कि अगर सेलिब्रिटीज ऐसा विज्ञापन करते हैं, तो उन्हें इसके लिए डिस्क्लोजर देना होगा.

क्या है Surrogate Advertising?

सरोगेट ऐड ऐसे ऐड्स होते हैं, जिनमें किसी और इमेज के जरिए किसी दूसरे प्रॉडक्ट या ब्रांड का विज्ञापन किया जाता है. जैसे कि कई लिकर बनाने वाली कई कंपनियां अपने नाम से ही सोडा या पानी बोतल का ऐड करती हैं. आपने ऐसे कई ऐड्स देखे भी होंगे. सीधे तौर पर, ऐसे प्रोडक्ट्स जिनका सीधा विज्ञापन नहीं किया जा सकता है, जैसेकि शराब, तंबाकू या जुआ वगैरह, उनका किसी और तरीकों से विज्ञापन दिखाया जाता है. बस इन कंपनियों को लागू दिशा-निर्देशों के तहत ही ये ऐड दिखाना होता है.