100 करोड़ कोरोना वैक्सीनेशन की ओर तेजी के साथ बढ़ रही सरकार की ओर से एक अहम बयान आया है. दरअसल सरकार दो डोज़ की कोरोना वैक्सीन के साथ तीन डोज़ की नीडल फ्री वैक्सीन की खुराक को भी इस्तेमाल में लाने की योजना पर विचार कर रही है. फिलहाल इसकी कीमत को लेकर बातचीत किए जाने की जानकारी सामने आ रही है.

कीमतों में है अंतर

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समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक सरकार ZyCoV-D की 3 खुराक की नीडल-लेस वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर विचार कर रही है, सरकार के मुताबिक इस वैक्सीन जैब्स की कीमत वर्तमान में दिए जा रहे वैक्सीन के मुकाबले अलग है, इसलिए सरकार दवा निर्माता कंपनी से बात कर रही है.

खास एप्लीकेटर की जरूरत

बता दें कि भारत सरकार और दवा कंपनी Zydus Cadila के बीच अपने Covid वैक्सीन ZyCov-D के लिए चल रही कीमत को लेकर बातचीत के दौरान दो अनसुलझे मुद्दे सामने आए थे, जिन्हें सरकार हल करने की कोशिश कर रही है. पहला ये कि वर्तमान में उपयोग में आने वाले टीकों से अलग ZyCov-D को पूरी तरह प्रभावी होने के लिए तीन खुराकें लेना होता है दूसरा ये कि इसके लिए एक खास एप्लिकेटर की जरूरत होती है जिसकी कीमत 30 हजार रुपए होती है.

एक खुराक में दो इंजेक्शन

जानकारी के अनुसार ZyCov-D - दुनिया का पहला DNA वैक्सीन है जिसमें तीन खुराकें पहली डोज़ के बाद दूसरी डोज़ 28वें दिन और तीसरी डोज़ 56वें दिन दी जाती है. खास बात ये है कि तीन डोज़ का मतलब यहां 6 इंजेक्शन का डोज़ है. इसे एक बार में दो शॉट्स अलग अलग हाथों में दिए जाते हैं. लिहाजा पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होने के लिए शख्स को कुल 6 इंजेक्शन लेने पड़ते हैं.

पूरे डोज़ के इंजेक्शन की कीमत बढ़ जाती है

इसका मतलब यह है कि भले ही टीका उसी कीमत पर उपलब्ध हो जो वर्तमान में उपयोग में है, लेकिन टीकाकरण की कुल लागत लगभग 33 प्रतिशत अधिक होगी. नीडल फ्री टीका होने की वजह से इंजेक्शन में एक एप्लीकेटर और जेट इंजेक्टर की जरूरत होती है. ये जेट या एप्लिकेटर तेज गति के साथ दवा को शरीर के भीतर प्रवेश कराता है. इसमें वैक्सीन लेनेवाले को दर्द का आभास नहीं होता.