सरकार ने चालू 2018-19 के विपणन वर्ष में अभी तक 1.65 करोड़ टन धान की खरीद की है. खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि धान की कुल खरीद लक्ष्य से अधिक रहने की उम्मीद है. सरकार ने इस साल 3.7 करोड़ टन धान की खरीद का लक्ष्य तय किया है. सरकार ने पिछले विपणन वर्ष (अक्तूबर-सितंबर) में 3.81 करोड़ टन धान की खरीद की थी, जो पिछले साल के 3.75 करोड़ टन के खरीद लक्ष्य से अधिक रही थी. 

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लक्ष्य से अधिक रहेगी खरीद

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्य एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अभी तक 1.65 करोड़ टन धान की खरीद की है. निश्चित रूप से इस साल खरीद लक्ष्य से अधिक रहेगी.’’अधिकारी ने कहा कि पंजाब, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सितंबर के अंत तक कम बारिश की वजह से फसल प्रभावित हुई है, लेकिन इससे खरीद पर असर नहीं पड़ेगा. निजी खरीद के बारे में अधिकारी ने कहा कि झारखंड में पायलट आधार पर इसे किया जाना है लेकिन कंपनियों ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई और अभी तक कोई बोली नहीं दी है. 

गेहूं की खरीद होती है आसान 

अधिकारी ने कहा कि गेहूं की खरीद आसान होती है. चावल के मामले में धान की खरीद की जाती है और उसे मिलों में भेजा जाता है. कई मुद्दों को ध्यान में रखना पड़ता है. ताजा आंकड़ों के अनुसार पंजाब में धान की खरीद 1.08 करोड़ टन, हरियाणा में 38.8 लाख टन, तेलंगाना में 9.96 लाख टन, छत्तीसगढ में 3.02 लाख टन और उत्तराखंड में 1.71 लाख टन की खरीद हुई है. वहीं तमिलनाडु में 1.10 लाख टन, केरल में 49,813 टन और महाराष्ट्र में 17,880 टन की खरीद हुई है. आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अभी धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. 

जुलाई में बढ़ी थी एमएसपी

मोदी सरकार ने खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की मंजूरी दी थी. कैबिनेट की उस बैठक के बाद खरीफ फसलों की एमएसपी को डेढ़ गुणा तक बढ़ाया गया है. धान का एमएसपी 200 रुपए क्विंटल बढ़ाया गया है. सरकार ने एक तरह से किसानों को तोहफा प्रदान किया था.

(इनपुट एजेंसी से)