Corona cases in India: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को भारत के कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 मामलों में ताजा वृद्धि और नए जेएन.1 सब-वेरिएंट के पहले मामले का पता चलने पर राज्यों को सलाह जारी की है. कोरोना के नए वेरिएंट मिलने पर सरकार सतर्क दिख रही है. इसको लेकर बुधवार को राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री कर समीक्षा बैठक सकते हैं. कर्नाटक ने 60 वर्ष के लिए मास्क अनिवार्य इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR, नीति आयोग और टास्क फोर्स के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. इसी बीच कर्नाटक ने 60 वर्ष और उसके ऊपर के लोगों के लिए मास्क अनिवार्य किया. आपको बता दें कि केरल में ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट का नया मामला सामने आया है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्य सरकारों को भेजे पत्र में देश में कोविड की स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया है. सोमवार को कोविड के 1,828 मामले दर्ज स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार और सहयोगात्मक कार्यों के कारण हम कोविड के फैलने पर नियंत्रण बनाए रखने में सक्षम हुए हैं. हालांकि, जैसे-जैसे कोविड-19 वायरस फैलता जा रहा है. भारत में सोमवार को कोविड के 1,828 मामले दर्ज किए गए. केरल में मामलों की संख्या सबसे अधिक 1,634 है. गंभीर सांस बीमारी मामलों की होगी निगरानी केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए राज्यों को श्वसन स्वच्छता के पालन द्वारा बीमारी के फैलाव में वृद्धि के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अन्य व्यवस्था करने की सलाह दी. सभी राज्यों को सलाह दी गई है कि वे सभी जिलों में कोविड परीक्षण दिशानिर्देशों के अनुसार पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करें और आरटी-पीसीआर और एंटीजन परीक्षणों की अनुशंसित हिस्सेदारी बनाए रखें. उन्हें पता लगाने के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएचआईपी) पोर्टल सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में नियमित आधार पर जिलेवार इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) मामलों की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया है. समय पर नए वेरिएंट का पता लगाने की कोशिश मंत्रालय ने आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या बढ़ाने और भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) प्रयोगशालाओं में जीनोम अनुक्रमण के लिए सकारात्मक नमूने भेजने के लिए भी प्रोत्साहित किया, ताकि समय पर नए वेरिएंट का पता लगाया जा सके. जेएन.1, बीए.2.86 ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक उप-वंश है और अन्य देशों में फैलने से पहले इसे पहली बार अगस्त में लक्ज़मबर्ग में पाया गया था. BA.2.86, जिसे "पिरोला" संस्करण के रूप में भी जाना जाता है, पहली बार जुलाई में डेनमार्क में पाया गया था.  यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार जेएन.1, बीए.2.86 के समान वंश का हिस्सा है और इसमें एक अतिरिक्त स्पाइक उत्परिवर्तन - एल455एस उत्परिवर्तन शामिल है, जिसमें प्रतिरक्षा-विरोधी गुण हैं.

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सोमवार को एडवाइजरी जारी

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफ डब्ल्यू) ने सोमवार को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें कोविड-19 को लेकर लगातार सतर्कता बरतने की जरूरत पर जोर दिया गया है. हालांकि इस वर्ष की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पीएचईआईसी (अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल) वापस लिया जा चुका है.

सरकार लगातार कर रही निगरानी

भारत ने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के जरिए कोविड मामलों का स्तर नीचा बनाए रखा है. हालांकि, वायरस अभी भी फैल रहा है और स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल ढल रहा है, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव सुधांश पंत ने विशेष रूप से जिला स्तर पर निरंतर निगरानी बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया.

इस बीच केरल जैसे कुछ दक्षिणी राज्यों में कोविड मामलों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है. वायरस के किसी नए वेरिएंट की पहचान नहीं की गई है. फिर भी, राज्य सरकारों का ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ प्रमुख कार्रवाइयों की रूपरेखा तैयार की गई है.

  • आगामी त्योहारी सीजन के दौरान बढ़ते संचरण के जोखिम को कम करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और व्यवस्था को लागू करना.
  •  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करना.
  •  जिला स्तर पर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्‍वसन बीमारी (एसएआरआई) मामलों की नियमित रूप से निगरानी और रिपोर्टिंग.
  •  अधिक संख्या में आरटी-पीसीआर परीक्षणों सहित, कोविड परीक्षण दिशानिर्देशों के अनुसार सभी जिलों में पर्याप्त परीक्षण करना.
  •  नए वेरिएंट का समय पर पता लगाने के लिए भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) प्रयोगशालाओं में जीनोम अनुक्रमण के लिए सकारात्मक नमूने भेजना.
  •  तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमताओं का आकलन करने के लिए मंत्रालय द्वारा आयोजित अभ्यास में सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की सक्रिय भागीदारी
  •  श्वसन स्वच्छता के पालन सहित कोविड के प्रबंधन में निरंतर समर्थन प्राप्त करने के लिए सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा देना.
  • इसके अलावा, पंत ने बताया कि भारत में जेएन.1 (8ए.2.86.1.1) वेरिएंट के पहले मामले का पता चला है.