Sivaji Ganesan 93rd Birth anniversary: साउथ सिनेमा के सुपरस्टार और भारत के पहले मेथेड एक्टर्स में से एक शिवाजी गणेशन (Sivaji Ganesan) की आज 93वीं जयंती है. उन्होंने लगभग 300 सिनेमा में अपने अभिनय का प्रदर्शन किया है. आज भी फिल्मों में उनके निभाए किरदारों की मिसाल दी जाती है. Google ने अपने फेमस Google Doodle से आज उन्हे श्रद्धांजलि दी है. आइए जानते हैं कौन है साउथ सिनेमा के सुपरस्टार शिवाजी गणेशन.

7 साल की उम्र में छोड़ा था घर

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शिवाजी गणेशन (Sivaji Ganesan) का जन्म 1 अक्टूबर, 1928 में तमिलनाडु के विल्लुपुरम (Villupuram) में हुआ था. गणेशन ने 7 साल की उम्र में ड्रामा कंपनी के साथ काम करने के लिए घर छोड़ दिया था. 10 साल की उम्र तक वे स्टेज पर परफॉर्म करना शुरू कर चुके थे. ड्रामा कंपनी में काम करने से उन्हें एक्टिंग और डांसिंग आ गई थी. गणेशन ने भरतनाट्टयम, कथक और मणिपुरी डांस को विधिवत सीखा था.

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ऐसे पड़ा नाम

शिवाजी गणेशन (Sivaji Ganesan) का बचपन का नाम वी. चिन्नैया मनरायर गणेशमूर्ति (V. Chinnaiya Manrayar Ganesamoorthy) था. उन्हें स्टेज पर राजा शिवाजी का कैरेक्टर प्ले किया था, जिसे लोगों ने काफी प्यार दिया. इसके बाद से ही यह नाम उनके साथ जुड़ गया और वह शिवाजी गणेशन के नाम से जाने जाने लगे. वह इस नाम पर पूरी तरह से खरे भी उतरे और अपनी पूरी जिंदगी राजा शिवाजी की तरह लोगों के दिलों पर राज किया.

कई भाषाओं में किया अभिनय

शिवाजी गणेशन 20वीं शताब्दी के आखिरी पांच दशकों में साउथ की तमिल सिनेमा में काफी उल्लेखनीय काम किया. उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा, मलयालम और हिन्दी भाषाओं में करीब 300 फिल्मों में काम किया है. उन्हें Nadigar Thilagam के टाइटल से भी जाना जाता है, जिसका मतलब है- एक्टर्स का गौरव.

इंटरनेशनल अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय एक्टर

शिवाजी गणेशन 1960 में इजिप्ट के कायरो में आयोजित एफ्रो-एशियन फिल्म फेस्टिवल (Afro-Asian Film Festival) में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय एक्टर हैं. साउथ सिनेमा के कई एक्टर्स ने माना है कि वे गणेशन के अभिनय से प्रभावित हैं.

गणेशन को इसके अलावा चार बार फिल्मफेयर अवॉर्ड साउथ, एक नेशनल फिल्म अवॉर्ड और भारतीय सिनेमा का सबसे सम्मानित फिल्म अवॉर्ड दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भी मिला है.

इन फिल्मों से मिला फेम

शिवाजी गणेशन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1952 में 'पराशक्ति' (Parasakthi) से किया था. उनकी सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर 1961 में आई फिल्म 'पसमालर' (Pasamalar) थी, जो एक फैमली ड्रामा थी. इसे आज भी तमिल सिनेमा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है. 1964 में आई फिल्म 'नवरथी' (Navarthri) गणेशन की 100वीं फिल्म थी, जिसमें उन्होंने एक साथ 9 किरदार निभाए थे.