आने वाले दिनों में खाने के तेल की कीमत में और कटौती हो सकती है. सरकार ने ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के साथ दूसरी बैठक की है. इस बैठक में खाने के तेल की कीमत में फिर से कटौती पर विचार किया गया. दरअसल, ग्लोबल मार्केट में एडिबल ऑयल का रेट काफी कम हुआ है. इसका पूरा फायदा अभी तक आम जनता को नहीं मिल पाई है. सरकार चाहती है कि आम आदमी को भी कीमत में कटौती का लाभ मिले. जानकारी के मुताबिक, खाद्य सचिव ने सभी तेल उत्पादकों के साथ जो बैठक की वह सफल रही और दाम कम करने की गुंजाइश के लिए रजामंदी बनी है. अगर खाने के तेल की कीमत में कमी होती है तो फूड इंफ्लेशन कम होगा. नतीजन रीटेल इंफ्लेशन में कमी आएगी. 

रीटेल मार्केट में भी दिखेगा प्राइस कट का असर

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इस बैठक में इंडस्ट्री के लोगों ने कहा कि बीते दो महीने में खाने के तेल का ग्लोबल मार्केट रेट 150-200 डॉलर प्रति टन घटा है. उन्होंने कहा कि हमने कीमतों में कटौती की है और आने वाले समय में कीमत में और कटौती की जाएगी. हालांकि, रीटेल मार्केट में कीमत में कटौती का असर दिखने में थोड़ा समय लगेगा.

सूरजमुखी तेल का भाव घटाया गया था

करीब एक महीने पहले भी खाद्य विभाग की लीडिंग एडिबल ऑयल एसोसिएशन के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद सूरजमुखी और रिफाइन्ड सोयाबिन ऑयल की कीमतों में 5-15 रुपए तक प्रति लीटर कटौती हुई थी. इसके साथ में मस्टर्ड ऑयल का भी रेट घटाया गया था.

जनता को मिले पूरा फायदा

बता दें कि इंटरनेशनल मार्केट में खाने के तेल के भाव में कमी आई है. इसके अलावा आयात शुल्क को घटाने से भी कीमत में कमी दर्ज की गई है. सरकार ने इंडस्ट्री के लोगों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि इंटरनेशनल मार्केट में यह जितना सस्ता हुआ है, उसका आम जनता को भरपूर फायदा मिले.