5 अगस्त 1947 को सोने का भाव था 88.62 रुपये प्रति 10 ग्राम, आज 38000 के पार
भारत में महिलाएं सोने के गहनों को लेकर काफी संवेदनशील होती हैं. साथ ही सोने को भारत में परंपरागत निवेश का सबसे बेहतर विकल्प माना जाता रहा है. आज भारत में आजादी के 72 साल बाद सोने की खपत की बात की जाए तो यह सालना 900 से 1000 टन के करीब जा पहुंचा है.
भारत में सोने के प्रति अधिक लगाव का काफी पुराना नाता है. लेकिन अगर हम देश की आजादी के समय के आस-पास से अब तक देखें तो सोने का सफर बेहद खास रहा है. आपको यह जानकर शायद आश्चर्य होगा कि 5 अगस्त 1947 को सोने का भाव 88 रुपये 62 पैसे प्रति 10 ग्राम था. आज 72 साल बाद सोने ने काफी लंबा सफर तय किया है. आज सोने का भाव 38000 के स्तर पर जा पहुंचा है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोने के दाम में कितना बदलाव आया है.
भारत में महिलाएं सोने के गहनों को लेकर काफी संवेदनशील होती हैं. साथ ही सोने को भारत में परंपरागत निवेश का सबसे बेहतर विकल्प माना जाता रहा है. आज भारत में सोने की खपत की बात की जाए तो यह सालना 900 से 1000 टन के करीब जा पहुंचा है. भारत में आज सोने के भाव दुनियाभर में हुई हलचल से प्रभावित होते हैं. दुनिया में अगर सोने का भाव प्रभावित होता है तो इसका असर भारत में भी होता है.
टैक्स गुरु के मुताबिक, साल 1948 में सोना बढ़कर 95.87 रुपये पर पहुंच गया था. फिर 1953 में दाम में गिरावट देखी गई थी. साल 1959 में सोने पहली बार 100 रुपये से अधिक हुआ था. तब भाव 102.56 रुपये था. सोना साल 1964 में बुरी तरह टूटा था और यह 63.25 रुपए पर आ गया था. इसके बाद सोने का दाम फिर कभी 1947 के लेवल पर नहीं गया. इसके बाद इसकी कीमत में लगातार बढ़ोतरी देखी गई.
(रॉयटर्स)
साल 2007 में सोना 10,800 रुपए के स्तर पर पहुंच गया और कुछ और समय बाद यानी साल 2010 में सोना 18500 के स्तर पर था. इसी तरह, साल 2011 में सोने का भाव 26,400 पर पहुंच गया. आज यानी साल 2019 में सोना 38000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से आगे जा चुका है.