सोने पर हॉलमार्किंग! कठीन डगर है पनघट की, ज्वेलर्स ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर उठाए सवाल
15 जनवरी, 2021 से बिना हॉलमार्क के सोने के गहने बेचने पर एक लाख रुपये तक या आभूषण की कीमत के पांच गुना तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.
अगले साल 15 जनवरी, 2020 से बाजार में बिना हॉलमार्किंग के सोने के गहने या कलाकृतियों की बिक्री नहीं पाएगी. अगर कोई ज्वेलर ऐसा करता हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. केंद्र सरकार ने बाजार में बेचे जाने वाले सोने के गहनों और कलाकृतियों की हॉलमार्किग को जरूरी किए जाने के नियमों को नोटिफाइ कर दिया है. नए नियम अगले साल 15 जनवरी से लागू हो जाएंगे. सरकार ने यह कदम बाजार में बिकने वाले नकली गहनों पर रोक लगाने के मकसद से उठाया है.
सरकार नए नियम लागू होने से पहले तमाम तैयारी के लिए आभूषण विक्रेताओं एक साल का समय दिया गया है. एक साल बाद देश में केवल रजिस्टर्ड आभूषण विक्रेताओं को ही हॉलमार्क वाले सोने के वस्तुएं बेचने की अनुमति होगी. रजिस्टर्ड आभूषण विक्रेताओं को केवल सोने के तीन ग्रेड - 14, 18 और 22 कैरेट में आभूषण और कलाकृतियां बेचने की अनुमति होगी.
जुर्माना या फिर जेल
15 जनवरी, 2021 से बिना हॉलमार्क के सोने के गहने व आभूषण बेचने की शिकायत होने पर आभूषण कारोबारियों को बीआईएस कानून के तहत एक लाख रुपये तक या आभूषण की कीमत के पांच गुना तक जुर्माना भरना पड़ सकता है. साथ ही एक साल जेल की सजा भी हो सकती है. जुर्माने या सजा का फैसला अदालत करेगी.
आसान नहीं है राह
मौजूदा समय में, 234 जिलों में 892 हॉलमार्किंग केंद्र हैं और देशभर में करीब 3 लाख ज्वेलर्स में से सिर्फ 30,000 ज्वेलर्स बीआईएस (Bureau of Indian Standards) के साथ रजिस्टर्ड हैं. इस साल अक्टूबर तक 1 लाख ज्वेलर्स का रजिस्ट्रेशन संभव है.
इंफ्रास्ट्रक्चर पर सवाल
हॉलमार्किंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. ऑल इंडिया जेम ऐंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के चेयरमैन अनंत पद्मनाभन बताते हैं कि हॉलमार्किंग के लिए सरकार ने तारीख तो तय कर दी है, लेकिन ज्वेलर्स को बीआईएस (BIS) में रजिस्ट्रेशन के लिए बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार को किसी भी चीज को अनिवार्य करने से पहले उसका इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना होगा.
मेट्रो शहरों में ही हॉलमार्किंग सेंटर
जीजेसी, नॉर्थ जोन के चेयरमैन विजय खन्ना ने बताया कि बीआईएस (Bureau of Indian Standards) के रजिस्ट्रेशन के लिए ज्वेलर्स को कई सौ किलोमीटर तक जाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि देश में अभी सिर्फ 892 हॉलमार्किंग केंद्र हैं और इनमें से भी 600 हॉलमार्किंग सेंटर सिर्फ मेट्रो शहरों में हैं. ऐसे में दूसरे जिलों में बैठ ज्वेलर्स के सामने हॉलमार्किंग के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने में बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की मिलेगी सुविधा
हालांकि, तमाम दिक्कतों को नकारते हुए हॉलमार्क एसोसिएशन के अध्यक्ष उदय शिंदे ने बताया कि देश की 80 फीसदी ज्वेलरी मेट्रो शहरों में बनाई जा रही है और मेट्रो शहरों में हॉलमार्किंग की पूरी व्यवस्था है. बीआईएस जल्द ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू करने जा रही है. 800 और नए सेंटर जल्द ही खुलने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीआईएस सेंटरों के पास अभी तक सिर्फ 30 फीसदी काम ही आ रहा है.
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घर के गहनों पर भी करवा सकते हैं हॉलमार्किंग
आभूषण कारोबारियों को प्रति आभूषण हॉलमार्किंग के लिए 35 रुपये खर्च करना होगा. हालांकि कोई उपभोक्ता अगर अपने पास रखे गहनों की शुद्धता निर्धारित करने के लिए हॉलमार्किंग करना चाहता है तो उसे प्रति आभूषण 200 रुपये खर्च करने होंगे. कारोबारी थोक में हॉलमार्किंग करवाते हैं, इसलिए उनके लिए यह दर कम है.