कहते हैं कि कोई भी सरकारी दस्तावेज बनवाने के लिए ऐड़ी चोटी के जोर लगाने पड़ जाते हैं. लेकिन ये बातें अब बीते जमाने की हो गई हैं. अब जमाना डिजिटल इंडिया का है जहां काम घंटों में नहीं बल्कि मिनटों में होता है. इसका ताजा उदाहरण गुजरात के सूरत में देखने को मिला. यहां एक बच्ची के जन्म के दो घंटे के अंदर ही उसका जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड और पासपोर्ट बनकर तैयार हो गए. भारत में डिजिटल इंडिया का यह अपने आप में पहला और अनूठा रिकॉर्ड है. बच्ची के माता-पिता की ये मांग थी कि भारत में डिजिटल इंडिया की बात की जाती है उसकी प्रामाणिकता कितनी है यह देखा जाए.

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सूरत के अमरोली इलाके में रहने वाले वकील अंकित भाई और भूमिबेन के यहां बच्चे के जन्म होने जा रहा था. उन्‍होंने डिजिटल इंडिया को प्रमोट करने और परखने के लिए अपने सभी पेपर तैयार तैयार रखे थे. उन्होंने होने वाले लड़के या लड़की नाम भी सोच कर रखा था. जैसे ही उनके घर में बच्ची का जन्म हुआ तुरंत ही उन्होंने बच्ची का नाभिया रख दिया. 

बच्ची के जन्म को फौरन बाद उन्होंने उसके जन्म प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन फार्म भरा और उसके लिए जरूरी दस्तावेज अपलोड कराए. कुछ ही मिनटों में जन्म प्रमाण पत्र उनके हाथ में था. इसके बाद उन्होंने आधार कार्ड के लिए भी आवेदन कर दिया. इस बीच बच्ची के पिता ने बच्ची के पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन फार्म भर दिया. लेकिन वे देखते क्या हैं कि उनके द्वारा अपलोड की गईं सभी जानकारियों के बाद पासपोर्ट को भी हरी झंडी मिल गई. इस तरह नाभिया को उसके जन्म के दो घंटे के भीतर जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड और पासपोर्ड मिल गया. भारत में यह अपने आप में इस तरह का पहला मामला है. 

पासपोर्ट अधिकारियों ने किया सहयोग

नाभिया के पिता अंकित ने बताया कि पासपोर्ट विभाग में ऑनलाइन अर्जी के बाद वह तुरंत ही सभी जरूरी कागज को लेकर पासपोर्ट ऑफिस पहुंचे. जहां पासपोर्ट अधिकारियो के सहयोग और तत्परता से दो घंटे के अंदर पासपोर्ट जारी कर दिया गया. अभी तक बच्चे के जन्म के तीन घंटे के अंदर पासपोर्ट बनने का रिकॉर्ड सूरत के पर्वत पाटिया इलाके में दर्ज हुआ था. लेकिन नया रिकॉर्ड इस नवजात बच्ची के नाम हो गया है.

आधार कार्ड के बारे में अंकित ने बताया कि जब आधार कार्ड के लिए बच्ची की आंखों का स्केन करना था, तो बच्ची सोई हुई थी और आँख नहीं खोल रही थी. इसके लिए बच्ची के माता-पिता को काफी मशक्कत करनी पड़ी. परिवार इस बात को लेकर खुश है कि उनकी बच्‍ची के नाम ये रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. अब परिवार आने वाले दिनों में इसे लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है.

(सूरत से चेतन पटेल और निर्मल त्रिवेदी की रिपोर्ट)