Non-Veg Pizza case: कई बार गलती बहुत भारी पड़ जाती है और इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद (Ghaziabad) में सामने आया है. जहां Non-Veg Pizza डिलीवर करने पर एक महिला ने 1 करोड़ का मुआवजा मांगा है. ये मामला अब सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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महिला ने मांगा 1 करोड़ का मुआवजा (Woman asked compensation of 1 crore)

महिला ने एक अमेरिकन पिज्जा रेस्टोरेंट (American Pizza Restaurant) के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में केस दाखिल किया है. महिला ने आउटलेट से वेज पिज्जा की जगह नॉन-वेज पिज्जा डिलीवर करने के लिए 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है. महिला का नाम दीपाली त्यागी है. उनका कहना है कि वो पूरी तरह से शाकाहारी (Vegetarian) हैं. क्योंकि उनके धर्म, पारिवारिक संस्कारों और मूल्यों के हिसाब से वेजिटेरियन होना ज्यादा अच्छा है.

    

जानिए क्या है मामला (Know what is the matter)

दीपाली त्यागी ने बताया कि 21 मार्च, 2019 को उन्होंने अमेरिकन पिज्जा रेस्टोरेंट से एक वेजिटेरियन पिज्जा ऑर्डर किया था. उस दिन होली थी. होली खेलने के बाद उनके बच्चे भूखे थे इसीलिए उन्होंने पिज्जा मंगाया. उन्होंने कहा कि पिज्जा 30 मिनट बाद डिलीवर हुआ था. जबकि कंपनी दावा करती है कि ऑर्डर करने के 30 मिनट के अंदर ही डिलीवर हो जाएगा. पीड़िता ने आगे बताया कि देरी से पिज्जा डिलीवर होने के बावजूद उन्होंने पिज्जा ले लिया. उन्होंने कहा कि जब मैंने पिज्जा खाया तब मुझे एहसास हुआ कि यह एक नॉन-वेज पिज्जा था. जिसमें मशरूम की जगह मीट था.

पीड़िता के वकील की दलील (Plea of ​​victim's lawyer)

पीड़िता के वकील फरहत वारसी ने कोर्ट को बताया कि पिज्जा के नॉन-वेज होने का पता चलते ही दीपाली ने तुरंत कस्टमर केयर को कॉल कर शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कैसे उन्होंने वेज की जगह नॉन-वेज पिज्जा भेज दिया. जबकि उनके परिवार में सभी लोग Vegetarian हैं.

रेस्टोरेंट के मैनेजर ने क्या कहा? (What did the restaurant manager say?)

वकील के मुताबिक 26 मार्च 2019 को पिज्जा आउटलेट की तरफ से एक शख्स का दीपाली के पास फोन आया कि वो उनके पूरे परिवार को मुआवजे के तौर पर फ्री में पिज्जा देंगे. फोन करने वाले ने खुद को आउटलेट चेन का डिस्ट्रिक्ट मैनेजर बताया.    

17 मार्च को होगी अगली सुनवाई  (Next hearing on March 17)

गौरतलब है कि पीड़िता ने उस फोन कॉल के जवाब में आउटलेट वालों को समझाया कि आप जैसा समझ रहे हैं ये वैसा सिंपल केस ये नहीं है. नॉन-वेज पिज्जा डिलीवर होने की वजह से उनके परिवार के लोगों का धर्म भ्रष्ट हो गया. इस घटना की वजह से उन लोगों को बहुत मानसिक पीड़ा हुई. उन्हें शुद्धि के लिए पूजा-अनुष्ठान करना पड़ेगा. जिसमें काफी खर्च आएगा. मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी.

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