प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने Gain Bitcoin Ponzi Scheme मामले में सिम्पी भारद्वाज और अजय भारद्वाज के घर पर सर्च ऑपरेशन किया है. यह छापेमारी 17 दिसंबर को की गई थी. इस छापेमारी के बाद सिम्पी भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया गया था. 26 दिसंबर तक के लिए स्पेशल कोर्ट ने सिम्पी भारद्वाज को कस्टडी में रखने की मंजूरी दे दी है. यह भारत का पहला क्रिप्टो केस है.

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सिम्पी के खिलाफ यह कार्रवाई Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002  के तहत की गई है. इस कार्रवाई के तहत की गई छापेमारी में मर्सिडीज़ और ऑडी समेत तीन कारें और करीब 18.91 लाख रुपये की ज्वैलरी भी जब्त की गई है. ईडी की ये छानबीन कई एफआईआर पर आधारित थी, जिन्हें महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस ने M/s Variable Tech Pte Ltd, अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, सिम्पी भारद्वाज, महेंद्र भारद्वाज और कुछ एमएलएम एजेंट्स के खिलाफ दर्ज की थीं.

क्या है मामला?

आरोप है कि बिटकॉइन में पब्लिक से निवेश करवाकर करीब 6600 करोड़ रुपये जमा किए गए. जांच से पता चला है कि सिम्पी भारद्वाज ने अपने पति अजय भारद्वाज और कुछ एमएलएम एजेंट्स के साथ मिलकर ये किया था. जांच से पता चला कि उन्होंने जनता के साथ धोखा किया है. यह भी पता चला है कि इस धोखेबाजी के जरिए कई विदेशी कपनियों में पैसे भेजे गए और उन्हें विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया.