कंपनी नहीं छिपा सकेगी शुगर लेवल, कस्टमर को देनी होगी चीनी की पूरी जानकारी, FSSAI ने की तैयारी
Ready to Eat Products FSSAI Guidelines: FSSAI शीघ्र ही बेबी फ़ूड प्रोडक्ट लेबलिंग नियमों में बदलाव कर सकता है. इस बदलाव का मकसद है कि ग्राहक आसानी से पैकेट पर लिखी जानकारी को समझ सकें और उन्हें बेबी फ़ूड प्रोडक्ट के अधिकतम जानकारी मिले.
Ready to Eat Products FSSAI Guidelines: रेडी टू ईट (Ready To Eat) प्रोडक्ट के पैकेट पर दी जाने वाली जानकारी यानी फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग (FOPL) के नियमों में बदलाव किये जाने की तैयारी है. यह बदलाव भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा किया जा रहा है. रेडी टू ईट उत्पादों के पैकेट पर कलर वार्निंग की तैयारी की गई है. इस बदलाव का मकसद किसी भी फूड प्रोडक्ट के बारे में खरीदार को पहले से जानकारी देना है. जी बिजनेस के एक्सक्लूसिव सूत्रों के मुताबिक नए नियम अलग-अलग चरणों में लागू किए जाएंगे.
Ready to Eat Products FSSAI Guidelines: पहले चरण में बेबी फूड पैकेट पर होगी वॉर्निंग,
सूत्रों के अनुसार चरणबद्ध तरीके से लागू होने वाले नियमों के पहले चरण में बेबी फूड पैकेट पर वार्निंग होगी. खाने के पैकेट पर पीले रंग की स्ट्रिप (पर्ची) लगाना जरूरी होगा. इस स्ट्रिप (पर्ची) पर साफ शब्दों में चीनी की मात्रा लिखी होगी. मात्रा के अनुपात में स्ट्रिप की साइज होगी. मसलन प्रोडक्ट में अगर 10 फीसदी चीनी है तो पैकेट के अगले हिस्से का 10 फीसदी पीला होगा. इस कदम से बच्चों के खाने वाले प्रोडक्ट को देखकर जल्दी चीनी की मात्रा का पता लगाना आसान हो जाएगा.
इन कंपनियों को अपने तरीके में करना होगा बदलाव
FSSAI द्वारा ये बदलाव जल्द ही लागू होने वाले हैं. ऐसे में नेस्ले, पतंजलि और वॉलमार्ट जैसी कंपनियों को बच्चों का खाना बनाने के तरीके में बदलाव करना पड़ सकता है. आपको बता दें कि हाल ही में पब्लिक आई एंड इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि नेस्ले भारत समेत निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बेचे जाने वाले शिशु के दूध और अनाज उत्पादों में चीनी और शहद जैसी चीजें मिलाता है. इस खुलासे का मामला स्विस जांच संगठन पब्लिक आई और आईबीएफएएन के सामने आया, जिन्होंने एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में कंपनी के बेचे जा रहे बेबी फूड प्रोडक्ट्स के सैंपल्स को बेल्जियम की लैब में परीक्षण के लिए भेजा.
लैब टेस्ट के नतीजे में पाया गया था कि भारत में बिकने वाले नेस्ले के बच्चों से जुड़े उत्पादों में प्रति कटोरी (1 सर्विंग) में करीब 4 ग्राम चीनी मिली है. इस रिपोर्ट में फिलीपींस में 1 सर्विंग में 7.3 ग्राम शुगर मिली है. नाइजीरिया में 6.8 ग्राम और सेनेगल में 5.9 ग्राम शुगर बेबी प्रोडक्ट्स में मिली हैं. 15 में से सात देशों ने प्रोडक्ट के लेवल पर शुगर होने की जानकारी ही नहीं दी है. यूरोपीय देशों जैसे स्विट्जरलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस में बिकने वाले नेस्ले के इन प्रोडक्ट्स में चीनी नहीं पाई गई.