GM Foods: फूड रेगुलेटर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने जेनेटिकली मॉडिफाइड (Genetically Modified Foods) फूड के नियम तैयार किए हैं. FSSAI ने GM खाद्य पदार्थों के लिए ड्राफ्ट रेगुलेशन बनाया है. इसमें जेनेटिकली मॉडिफाइड ऑर्गेनिज्म (GMOs) से निर्मित खाद्य या सामग्री के निर्माण, बिक्री और आयात के लिए रेगुलेटर से प्रायर अप्रूवल अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है. बता दें कि हाल ही में सरकार जीएस सरसों (GM Mustard) के ट्रायल को मंजूरी दी गई है..

GMOs पर लागू होंगे नियम

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एफएसएसएआई (FSSAI) के मुताबिक, प्रस्तावित फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (जेनेटिकली मॉडिफाइड फूड्स) नियमन, 2022 खाद्य उपयोग के लिए लक्षित जेनेटिकली मॉडिफाइड ऑर्गेनिज्म (GMOs) पर लागू होंगे.  एक बार लागू होने के बाद ये नियमन GMOs से उत्पादित खाद्य सामग्री पर भी लागू होंगे जिनमें संशोधित डीएनए (DNA) होता है और साथ ही जीएमओ से उत्पादित खाद्य सामग्री पर भी लागू होता है जिसमें संशोधित डीएनए नहीं होता है लेकिन जीएमओ से प्राप्त सामाग्री/एडिटिव्स/प्रोसेसिंग सहायक शामिल होते हैं.

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GMOs का मतलब किसी भी जीवित जीव से है जिसमें मॉडर्न बायोटेक्नोलॉजी के उपयोग के माध्यम से प्राप्त जेनेटिक मटेरियल का एक नया संयोजन है. ड्राफ्ट रेगुलेशन में कहा गया है, कोई भी व्यक्ति खाद्य प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति के बिना GMOs से उत्पादित किसी भी खाद्य या खाद्य सामग्री का निर्माण, पैकिंग, भंडारण, बिक्री, बाजार या अन्यथा वितरण या आयात नहीं करेगा.

फूड पैकेट पर लिखना होगा GM Food

सभी खाद्य उत्पादों (खाद्य उपयोग के लिए जीएमओ और संशोधित डीएनए वाले जीएमओ से उत्पादित खाद्य सामग्री) को GMOs के साथ लेबल किया जाएगा. यह इस शर्त के अधीन है कि अगर उत्पाद में व्यक्तिगत रूप से माने जाने वाले जीएम घटक का 1% या अधिक शामिल है.

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फूड पैकेट के सामने लगाना होगा लेबल

यह लेबल पहले से पैक किए गए उत्पादों के पैक के सामने दिखाई देना चाहिए. FSSAI ने कहा कि यह लेबलिंग आवश्यकता जीएम सामग्री की आकस्मिक या तकनीकी रूप से अपरिहार्य उपस्थिति पर भी लागू होती है. लेबलिंग जरूरी उन GM-फूड प्रोडक्ट्स उत्पादों पर लागू नहीं होगी जिनमें संशोधित डीएनए का पता नहीं लगाया जा सकता है.

ड्राफ्ट रेगुलेशन पर नियामक को 60 दिन के अंदर सुझाव दिए जा सकते हैं. यह ड्राफ्ट 18 नवंबर को जारी किया गया.

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