आइसक्रीम में कटी उंगली मामले में FSSAI का एक्शन, अगले आदेश तक रद्द होगा प्रोडक्शन लाइसेंस
मुंबई के मलाड इलाके में एक व्यक्ति द्वारा ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगाई गई 'कोन' आइस्क्रीम में इंसान के अंगूठे की तरह दिखने वाला मांस का एक टुकड़ा मिला. अब इस मामले पर फुड रेगुलेटर FSSAI ने सख्त कदम उठाया है.
मुंबई के मलाड इलाके में हाल ही में घटित एक चौंकाने वाली घटना के बाद फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने कड़ा कदम उठाया है. दरअसल एक व्यक्ति ने ऑनलाइन आइसक्रीम ऑर्डर किया था और उसे आइसक्रीम कोन के अंदर इंसान की कटी हुई उंगली का टुकड़ा मिला. व्यक्ति अपने नजदीकी मलाड पुलिस स्टेशन गया और इसकी जानकारी दी थी. इस घटना से शहर में हड़कंप मच गया. अब मामले की गंभीरता को देखते हुए FSSAI ने तत्काल कार्रवाई शुरू की है.
अगले आदेश तक लाइसेंस रद्द करने का दिया आदेश, बिजनेस ऑपरेटर से मांगा जवाब
FSSAI के सूत्रों के अनुसार,संबंधित आइसक्रीम कंपनी का उत्पादन लाइसेंस अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है. यह निर्णय उपभोक्ता सुरक्षा और खाद्य मानकों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. इसके साथ ही मुंबई रीजनल टीम द्वारा घटना की गहन जांच की जा रही है.FSSAI ने संबंधित फूड बिजनेस ऑपरेटर से इस मामले में जवाब भी मांगा है. ऑपरेटर को घटना की पूरी जानकारी और इसके पीछे की वजह बताने के लिए कहा गया है। इस मामले में ऑपरेटर का जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इंस्टाग्राम पेज पर युवक ने दर्ज कराई थी शिकायत
पुलिस के अनुसार मलाड निवासी और पेशे से चिकित्सक 26 वर्षीय ब्रेंडन फेराओ के साथ यह वाकया हुआ. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया,'फेराओ ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने 'यम्मो कंपनी' की बटरस्कॉच कोन आइसक्रीम के लिए ऑनलाइन ऑर्डर दिया था. जब वह दोपहर में खाना खाने के बाद आइसक्रीम खा रहे थे तो कोन में से एक मांस का टुकड़ा निकला,जिसमें नाखून भी था.' फेराओ ने यह मुद्दा उठाते हुए आइसक्रीम कंपनी के इंस्टाग्राम पेज पर इसकी शिकायत दर्ज कराई.
कंपनी ने नहीं दिया है कोई उचित जवाब
पुलिस ने बताया कि शिकायत करने पर कंपनी ने कोई उचित जवाब नहीं दिया, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने मांस के टुकड़े को बर्फ की थैली में रखा और मलाड पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर यम्मो आइसक्रीम कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 272 (बिक्री के लिए खाद्य या पेय में मिलावट), 273 (हानिकारक खाद्य और पेय की बिक्री) और 336 (दूसरों के जीवन या सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया है.