भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर एस वेंकटरमणन का शनिवार 18 नवंबर को यहां 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. सूत्रों ने बताया कि वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे. वेंकटरमणन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सदस्य थे और रिजर्व बैंक गवर्नर की भूमिका संभालने से पहले उन्होंने वित्त सचिव और बाद में कर्नाटक सरकार के सलाहकार के रूप में कार्य किया था.

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संकटकाल में उनका अपार योगदान

वेंकटरमणन ने दिसंबर 1990 से दिसंबर 1992 के बीच RBI में काम किया था. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने उन्हें ‘उत्कृष्ट व्यक्तित्व’ और ‘लोक सेवक’ के रूप में सराहा और संकटकाल में उनके अपार योगदान को याद किया. रिजर्व बैंक ने कहा कि उनके कार्यकाल में देश को बाह्य क्षेत्र से संबंधित कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उनके कुशल प्रबंधन ने देश को भुगतान संतुलन संकट से उबारने में मदद की.

शक्तिकांत दास ने जताया दुख

RBI ने अपनी वेबसाइट में कहा कि वेंकटरमणन के कार्यकाल में भारत ने IMF के स्थिरीकरण कार्यक्रम को अपनाया, जहां रुपये का अवमूल्यन हुआ और आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू हुआ. शक्तिकांत दास ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, RBI के पूर्व गवर्नर एस वेंकटरमणन के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. वे एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व एवं जनसेवक थे. उन्होंने संकट के समय में बहुत बड़ा योगदान दिया. उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले.

हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एक्स (X) पर लिखा कि औद्योगिक विकास और ऊर्जा क्षेत्र में भी उनका योगदान अतुलनीय था. उन्होंने आगे लिखा कि वह (वेंकटरमणन) सी सुब्रमण्यम के प्रमुख सहयोगी थे, जिन्होंने 60 के दशक के मध्य में हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.