Swiss Bank: देश में कालेधन को लेकर काफी चर्चाएं हो चुकी हैं. कालाधन एक ऐसी समस्या है, जो पिछले कुछ सालों में बड़ा राजनैतिक मुद्दा बनकर उभरी. लेकिन स्विस बैंकों में भारतीयों का कितना पैसा है, इसकी जानकारी केंद्र सरकार के पास भी नहीं है. संसद में मॉनसून सत्र के दौरान सवाल जवाब के सिलसिले में केंद्र सरकार की ओर से इस बात का खुलासा किया गया है कि सरकार के पास स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों की ओर से कितना पैसा जमा किया गया है, इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है. बता दें कि संसद में मॉनसून सत्र चल रहा है और इस सिलसिले में विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार से सवाल जवाब किए जा रहे हैं. 

वित्त मंत्री ने दिया ये जवाब

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सोमवार को लोकसभा में दीपक बैज और सुरेश नारायण धानोरकर ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों की ओर से जमा राशि में बढ़ोतरी की गई है? इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने लोकसभा में जवाब दिया और कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्विस बैंकों में भारतीयों की ओर से साल 2020 के मुकाबले साल 2021 में ज्यादा फंड जमा किया गया है. 

वित्त मंत्री ने आगे बताया कि स्विस अधिकारियों ने इस बात की सूचना दी है कि स्विस नेशनल बैंक (SNB) के वार्षिक आंकड़ों का उपयोग भारतीयों की ओर से स्विट्जरलैंड में जमा राशि का विश्लेषण करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. 

8468 करोड़ रुपए की अघोषित आय को टैक्स के दायरे में लाया गया

वित्त मंत्री ने एक लिखित जवाब में बताया कि 31 मई 2022 तक 368 मामलों का आकलन का काम पूरा हो गया है और 14820 करोड़ रुपए का मांग रखी गई है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि 31 मई 2022 तक HSBC में विदेशी बैंक खाते बिना बताए पैसा जमा करने के मामले में अबतक 8468 करोड़ रुपए से ज्यादा की अघोषित आय को टैक्स के दायरे में लाया गया है. वहीं 1294 करोड़ रुपए से ज्यादा की पेनाल्टी लग चुकी है.