फसल खरीद में देरी होने से किसानों का ही फायदा, हरियाणा सरकार देगी बोनस
हरियाणा सरकार लॉकडाउन (Haryana lockdown) की वजह से फसल खरीद में देरी होने पर बोनस दे रही है.
लॉकडाउन (Lockdown) में खेती और उससे जुड़े कामों को छूट दी गई है. इस छूट के साथ ही तमाम राज्यों में रबी फसलों (Rabi Crops) की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. सरकार ने इस बार गेहूं की फसल के लिए 1925 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price-MSP) तय किया है. खरीद केंद्रों पर एमएसपी पर गेहूं, सरसों और चने की खरीद की जा रही है.
हालांकि राज्य सरकारें लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing), हाइजीन जैसे नियमों को ध्यान में रखकर फसलों की खरीद कर रही हैं.
हरियाणा (Haryana) की बात करें तो यहां अनाज खरीद के सख्त नियम बनाए गए हैं. यहां खरीद केंद्र पर केवल 5-6 किसानों की ही फसल खरीदी जा रही है. जिन किसानों की फसल की खरीद होनी है, उनको मोबाइल फोन पर मैसेज भेजकर खरीद केंद्र पर आने के समय के बारे में बताया जा रहा है.
हालांकि हरियाणा सरकार (Haryana Government) के इस नियम से अनाज की खरीद बहुत धीमी गति से होगी. लेकिन, इस देरी का किसानों को फायदा मिलेगा. जिन किसानों की फसल देर से खरीदी जाएगी, उनको बोनस (Bonus) दिया जाएगा.
हरियाणा सरकार लॉकडाउन (Haryana lockdown) की वजह से फसल खरीद में देरी होने पर बोनस दे रही है. अगर कोई किसान 20 अप्रैल से 5 मई तक अपना गेहूं खरीद केंद्र पर बेचता है तो उसे सरकार 1925 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से गेहूं का भुगतान करेगी.
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अगर किसान से 6 से 31 मई के बीच गेहूं खरीदा जाएगा, तो उसे 1975 रुपये क्विंटल के हिसाब भुगतान किया जाएगा. यानी एक क्विंटल पर 50 रुपये का बोनस दिया जाएगा. इसी तरह 1 से 30 जून तक 2050 रुपये के हिसाब से गेहूं की खरीद होगी. यानी इस दौरान खरीदी गई फसल पर 125 रुपये/क्विंटल का बोनस दिया जाएगा.