MSP से भी नीचे गेहूं क्यों बेच रहे हैं किसान? जानिए इसके पीछे की वजह
किसानों को गेहूं का वाजिब दाम दिलाने की तमाम कोशिशों के बाद भी देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों की मंडियों में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से करीब 100 रुपये प्रति कुंटल कम भाव पर गेहूं बेचना पड़ रहा है.
शाहजहांपुर मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं का भाव इस समय 1,700-1,750 रुपये प्रति कुंटल चल रहा है. (Reuters)
शाहजहांपुर मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं का भाव इस समय 1,700-1,750 रुपये प्रति कुंटल चल रहा है. (Reuters)
किसानों को गेहूं का वाजिब दाम दिलाने की तमाम कोशिशों के बाद भी देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों की मंडियों में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से करीब 100 रुपये प्रति कुंटल कम भाव पर गेहूं बेचना पड़ रहा है. देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश (UP) की शाहजहांपुर मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं का भाव इस समय 1,700-1,750 रुपये प्रति कुंटल चल रहा है. वहीं, दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश की मंडियों में किसान मिल क्वालिटी गेहूं का भाव 1,720-40 रुपये प्रति कुंतल बेच रहे हैं.
हालांकि सरकारी खरीद एजेंसियों ने गेहूं की खरीद तेज कर दी है और बीते 1 महीने में देशभर में 196.10 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. सबसे ज्यादा पंजाब (75.55 लाख टन) और हरियाणा (73.30 लाख टन) में गेहूं की खरीद हुई और सरकारी खरीद के मामले में मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर है, जहां 33.46 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है.
केंद्र सरकार ने इस साल देशभर में 357 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले सीजन 2018-19 में सरकारी खरीद एजेंसियों ने देशभर में 357.95 लाख टन गेहूं की खरीद की थी.
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इधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं के दाम में आई भारी गिरावट के बाद विदेशों से आयात होने की संभावनाओं पर ब्रेक लगाते हुए केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह गेहूं पर आयात शुल्क 10 फीसदी बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया. हालांकि, आयात शुल्क में वृद्धि से गेहूं के बाजार भाव पर कोई फर्क बहरहाल नहीं दिख रहा है.
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के जींस कारोबारी अशोक अग्रवाल ने कहा कि आयात शुल्क बढ़ाए जाने का असर, जुलाई-अगस्त के बाद दिखेगा जब दक्षिण भारत के मिलों की मांग बढ़ेगी, क्योंकि आयात शुल्क में वृद्धि के बाद यूक्रेन, रूस, फ्रांस व आस्ट्रेलिया से गेहूं का आयात महंगा हो जाएगा और दक्षिण भारत की मिलों की मांग घरेलू बाजार में बढ़ जाएगी.
भोपाल के जींस कारोबारी अमित खंडेलवाल ने कहा कि इसका कारण यह है कि इस साल देश में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन है और भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में पिछले साल का गेहूं काफी परिमाण में पड़ा हुआ है.
गौरतलब है कि इस साल केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पिछले साल से 105 रुपये बढ़ाकर 1,840 रुपये प्रति कुंटल तय किया है. केंद्रीय कृषि सहाकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा फरवरी में जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, इस साल देश में गेहूं का उत्पादन 99.12 करोड़ टन हो सकता है.
06:36 PM IST