Kisan Andolan के 3 हफ्ते बीतने के बाद अब इसका हल निकलते दिख रहा है. क्‍योंकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए बुधवार को केंद्र और किसान यूनियनों की संयुक्त सुनवाई का आदेश दिया. Cournt ने एक समिति बनाने का भी प्रस्ताव दिया, जिसमें केंद्र और किसान यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल हों और कुछ हल निकालें. अदालत अगली सुनवाई गुरुवार को करेगी.

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चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्र की पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि वह इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार, भारतीय किसान यूनियन और दूसरे नेताओं वाली एक समिति का गठन करना चाहती है.

पीठ ने कहा कि बातचीत के जरिए एक जरूरी हल की मांग है. शीर्ष अदालत ने माना कि यह विरोध एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है और इस समिति के जरिए बातचीत से सुलझाने पर जोर दिया जाए.

सरकार को नोटिस जारी

कोर्ट ने उन जनहित याचिकाओं (PIL) पर केंद्र को नोटिस जारी किया, जिन्होंने दिल्ली बॉर्डर को रोकने वाले किसानों को हटाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने शाहीन बाग मामले में शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला दिया, जहां उसने कहा था कि प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं कर सकते.

Kisan neta Court mein talab

चीफ जस्टिस ने मेहता से कहा कि सरकार की बातचीत विफल हो सकती है, इसलिए मामले को समझाने के लिए कुछ किसान यूनियनों का अदालत के सामने आना जरूरी है.

21 दिन का kisan Andolan

बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 21वें दिन भी जारी है. केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों (Agriculture laws) के विरोध में किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर अपना धरना जारी रखा है. बुधवार को चिल्ला बॉर्डर को किसानों ने फिर से बंद कर दिया.

किसानों में पड़ी फूट

इस बीच, देश में किसानों की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का एक धड़ा नए कृषि कानून के समर्थन में आया है, जबकि दूसरा कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संगठनों के साथ खड़ा है.

20 दिसंबर को बड़ा आंदोलन

सिंघु बॉर्डर पर हुई प्रेस वार्ता में किसान नेताओं ने दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को बुधवार को पूरी तरह से बंद करने की धमकी दी थी. किसानों ने इस बात का भी जिक्र किया है कि 20 दिसंबर को आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए देश भर के गांवों में श्रद्धांजलि सभा होगी.

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