केंद्र सरकार जल्द ही पेस्टीसाइड मैनेजमेंट बिल 2020 लाएगी. इसके तहत किसान को सुरक्षित एवं बेहतर कीटनाशक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा. इस बिल को सरकार अगले सत्र में संसद में लेकर आएगी. इस बिल के जरिए कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों और विक्रेताओं के लिए नियम और किसानों की फसल कीटनाशन के चलते खराब होने पर मुआवजा मिलने की व्यवस्था भी की जा रही है. वहीं नकली या बिना रजिस्ट्रेशन के कीटनाशक बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान भी इस बिल में है. इस बिल में नकली कीटनाशक बेचने वाले पर जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है.

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पेस्टीसाइड मैनेजमेंट बिल 2020 के तहत मिलेगी जानकारी

पेस्टीसाइड मैनेजमेंट बिल 2020 के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि कैबिनेट ने ये फैसला लिया है कि अगले संसद सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा. इस बिल के लिए इस बात को पूरी तरह से सुनिश्चि किया जाएगा कि किसान को कीटनाशक खरीदते समय ये पूरी जानकारी मिले की वह कीटनाशक कैसा है, उसका क्या नुकसान है और क्या फायदा है. कीटनाशक के बारे में बारे में सारी जानकारी उसे बेचने वाला विक्रेता देगा और कंपनियां ये सुनिश्चत करेंगी.

ऑर्गेनिक कीटनाशक को मिलेगा प्रोत्साहन
प्रेस्टिसाइट मैनेजमेंट बिल 2020 में ऑर्गेनिक कीटनाशक को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई गई है. बिल में कैमिकल वाले कीटनाशकों की तुलना में ऑग्रेनिक कीटनाशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि फसल भी स्वस्थ्य रहे और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर हो. इससे किसान का खर्च घटाने में भी मदद मिलेगी.
 

 
कीटनाशनक से नुकसान होने पर मिलेगा मुआवजा
अगर किसी किसान की फसल गलत कीटनाशक या खराब गुणवत्ता वाले कीटनाशक के चलते खराब होती है तो जांच के बाद किसान को मुआवजा मलेगा. ये बात पेस्टीसाइड मैनेजमेंट बिल 2020 में सुनिश्चत की जाएगी. सरकार की योजना के तहत किसान की फसल खराब होने पर कंपनियों से फाइन के रूप में सरकार के पास जमा होगा. इस जुर्माने से एक फंड तैयार होगा इससे किसान को मुआवजा मिलेगा. वहीं कंपनियां कीटनाशक का विज्ञापन कैसे करेंगी और किस तरह की जानकारी देनी जरूरी होगी इस बारे में भी बिल में प्रावधान किया गया है. फिलहाल कई कंपनियां भ्रामक विज्ञापन देती है. अब ऐसा नहीं चलेगा.