बारिश के साथ अब टिड्डी का प्रकोप, किसानों की मुश्किल बढ़ी
टिड्डी दल रेगिस्तानी इलाकों के गरीब किसानों के लिए किसी आतंकी हमले से कम नहीं है. इससे किसानों की फसल को भारी नुकसान होता है.
कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. इस बीच भारत में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश और ओलावृष्टि ने बडे़ पैमाने पर किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. किसान इस सदमें से उबर भी नहीं पा रहे हैं कि टिड्डियों के प्रकोप ने उनकी नींद उड़ा कर रख दी है. राजस्थान में तो टिड्डी के दल ने एक बड़े एरिया में फसलों को चट कर दिया है.
दक्षिण एशिया में टिड्डी के प्रकोप से निपटने के लिए भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के बीच उच्चस्तरीय बैठक हुई. संयुक्त राष्ट्र की संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के प्रतिनिधि के नई दिल्ली स्थित दफ्तर में आयोजित मंत्रिस्तरीय इस बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सदस्य देशों ने टिड्डी के प्रकोप से उत्पन्न हालात और उससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारी के संबंध में विचार-विमर्श किया.
बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने किया. बैठक में टिड्डी की समस्या को लेकर विस्तार से चर्चा हुई तथा इसके समाधान को लेकर आपसी सहयोग पर सहमति बनी.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधिकारी समेत राजस्थान और गुजरात सरकार अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.
इस मौके पर कैलाश चौधरी ने सभी सदस्य देशों से टिड्डी दल के समूल खात्मे को लेकर एक दूसरे का पूर्ण सहयोग करने और इस प्राकृतिक आपदा से निपटने को लेकर अधिकाधिक नवीन तकनीक का इस्तेमाल करने की अपील की.
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कैलाश चौधरी ने कहा, "टिड्डी दल रेगिस्तानी इलाकों के गरीब किसानों के लिए किसी आतंकी हमले से कम नहीं है. इससे किसानों की फसल को भारी नुकसान होता है. केंद्र सरकार टिड्डी दल को समूल नष्ट करके किसानों को राहत देने को प्रतिबद्ध है."
देश के पश्चिमी सीमावर्ती प्रांत राजस्थान, गुजरात और पंजाब समेत हरियाणा में टिड्डियों का भारी प्रकोप रहता है. टिड्डियां झुंड में आती हैं और फसलों को बर्बाद कर देती हैं. खेतों में हरी-भरी फसलों को साफ कर जाती हैं.