जब भी आप किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो सबसे पहले उसकी रेटिंग और रिव्यू चेक करते हैं. अगर रेटिंग और रिव्यू अच्छे होते हैं और प्रोडक्ट आपको पसंद आ जाता है तो आप तुरंत उसे खरीद लेते हैं. अब सवाल ये है कि आपने जिस रेटिंग और रिव्यू को देखकर कोई प्रोडक्ट खरीद लिया है, क्या वह वाकई उतना अच्छा है? कहीं ऐसा तो नहीं कि उस कंपनी ने अपने प्रोडक्ट के लिए अच्छे रिव्यू लिखने और 4-5 स्टार रेटिंग देने के लिए लोगों को पैसे दिए हैं? आसान भाषा में समझें तो कहीं ये पेड रेटिंग और रिव्यू तो नहीं?

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फर्जी रिव्यू का गोरखधंधा तमाम ई-कॉमर्स साइट्स पर चल रहा है. इसे लेकर काफी वक्त से नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर शिकायतें आ रही हैं. अब सरकार इस पर सख्त हो गई है. नवंबर 2022 में ही सरकार ने फर्जी रिव्यू रोकने के लिए कुछ स्टैंडर्ड बनाए थे, जो इंडस्ट्री के लिए स्वैच्छिक थे. हालांकि, बढ़ती शिकायतों को देखते हुए अब सरकार इन्हें अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. यह भी माना जा रहा है कि इस पर इसी साल कोई फैसला हो सकता है.

15 मई को होगी खास मीटिंग

फर्जी रिव्यू पर लगाम लगाने के मकसद से ही 15 मई को उपभोक्ता मामले के सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक होनी है. इस बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स शामिल होंगे. फर्जी रिव्यू को लेकर नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर मिली शिकायतों और उन्हें रोकने के लिए हुए Hackathon पर चर्चा भी होगी. सरकार की सख्ती के बाद ग्राहक को रिव्यू से गुमराह करना मुश्किल होगा. हर रिव्यू, चाहे पेड हो या जेन्युइन, उसकी आसान और अलग पहचान होगी. छोटी या बड़ी कोई भी ऑनलाइन कंपनी या सेवा के लिए ऑथेंटिक रिव्यूज होंगे.

कई तरीकों से कराए जाते हैं पेड रिव्यू

पेड रिव्यू और रेटिंग का एक तरीका ये है कि कंपनियां अपने ग्राहकों को प्रोडक्ट डिलीवरी के साथ-साथ एक कैशबैक वाउचर भेजती हैं. उस कैशबैक को पाने की शर्त होती है कि जिस भी प्लेटफॉर्म से आपने प्रोडक्ट खरीदा होता है, उसे 5 स्टार रेटिंग देकर अच्छा सा रिव्यू लिखकर उसकी फोटो खींचकर वाउचर में दिए गए ईमेल या वाट्सऐप पर भेजना होता है. इसके बाद ग्राहक की तरफ से बताए गए तरीके से उसे कैशबैक की रकम यूपीआई कर दी जाती है.

पेड रिव्यू का दूसरा तरीका ये भी है जिसमें पहले ही पैसे दे दिए जाते हैं. पैसे लेने के बाद लोग अच्छा सा रिव्यू लिखते हैं और 4-5 स्टार रेटिंग देते हैं. इस तरह की रेटिंग से ग्राहक गुमराह होते हैं और फर्जी रिव्यू के वजह से कई बार गलत प्रोडक्ट खरीद लेते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है.